Poppy Cultivation: चौहारघाटी में पोस्त के 15 लाख पौधे बरामद, अफगानिस्तान तक रहती है डिमांड
Poppy Plants In Chauhar Ghati जिला मंडी के चौहारघाटी में फिर से पोस्त की खेती लहलहाई है। 66 बीघा सरकारी व निजी भूमि में पोस्त के 15 लाख पौधे बरामद किए गए हैं। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
मंडी, जेएनएन। Poppy Plants In Chauhar Ghati, मंडी जिला की चौहारघाटी में बड़े पैमाने पर पोस्त की अवैध खेती का भंडाफोड़ हुआ है। चौहारघाटी में 66 बीघा से अधिक मलकीयत और सरकारी भूमि में यह नशे की खेती की गई थी। मामले दर्ज न हों, इससे बचने के लिए नशे की अवैध खेती के कारोबारी अब सरकारी भूमि में पोस्त की बिजाई कर रहे हैं। पद्धर पुलिस ने चौहारघाटी की तरस्वाण पंचायत में बड़े पैमाने पर हुई अवैध खेती की भनक लगते ही घाटी की चढ़ाई की। लगभग 17 घंटे तक चले इस सर्च अभियान में 66 बीघा से अधिक निजी और सरकारी रकबे में 15लाख पोस्त के पौधे बरामद किए। पुलिस ने राजस्व विभाग की टीम और पंचायत प्रधान के साथ इस ऑपरेशन में राजस्व अभिलेख खंगालने बाद चार लोगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 18 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच एसडीपीओ पधर लोकेंद्र नेगी कर रहे हैं। बरामद की गई पोस्त की खेती को नष्ट करने के लिए चार टीमें यहां भेजी गई हैं।
बताया जाता है अफगानिस्तान तक चौहार घाटी के अफीम की मांग है। कोरोना काल का फायदा उठा कर यह खेती की गई थी। लेकिन पुलिस को इसकी भनक लग गई और गुप्त तरीके से दबिश देकर यह कार्रवाई की है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल में 1500 पुलिसकर्मी व 800 गृहरक्षक और तैनात, आक्सीजन सप्लाई व प्लांट की सुरक्षा का भी जिम्मा
यह भी पढ़ें: Coronavirus Test: हिमाचल में अब निजी प्रयोगशाला में हो सकेंगे आरटी-पीसीआर टेस्ट, दरें भी निर्धारित
एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि चौहारघाटी में पोस्त की अवैध खेती का अब तक का यह सबसे बड़ा मामला है। नशे के खात्मे को लेकर जिला पुलिस का यह अभियान जारी है। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्सा नही जाएगा। उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि कहीं भी इस तरह की अवैध खेती की गई है। इसकी जानकारी
मोबाइल नंबर 9317221001 पर साझा करें। पुलिस द्वारा जारी नशाखोरी के खिलाफ लड़ाई में मदद करें। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी और उनकी सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी होगी।
करीब 20 साल पहले चौहार घाटी के लोगों ने आलू, राजमाह की खेती बंद कर पोस्त की खेती शुरू की थी। 2000 में घाटी में हजारों बीघा भूमि में पोस्त की खेती मिली थी। एनसीबी व प्रदेश पुलिस ने कार्रवाई कर खेती नष्ट की थी। सरकार की सख्ती के बाद यहां काफी हद तक रोक लगी थी। लेकिन अब एक बार फिर से बड़े स्तर पर खेती का खुलासा होने से पुलिस व प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
यह भी पढ़ें: Medicine Price Hike: चीन पर निर्भरता ने दिया दवा का दर्द, कच्चे माल की कमी से बढऩे लगे दाम, आ सकता है संकट
यह भी पढ़ें: अन्य बीमारी से ग्रस्त 60 वर्ष से ऊपर के काेरोना संक्रमित मरीज हाई रिस्क कैटेगिरी में, जानिए डॉक्टर की सलाह