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महंगा पानी; सस्ती शराब, 'डूब' रहे लोग

प्रवीण कुमार शर्मा ज्वालामुखी पुलिस लंबे समय से नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए प्रयास

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 05:25 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 05:25 AM (IST)
महंगा पानी; सस्ती शराब, 'डूब' रहे लोग
महंगा पानी; सस्ती शराब, 'डूब' रहे लोग

प्रवीण कुमार शर्मा, ज्वालामुखी

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पुलिस लंबे समय से नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए प्रयास कर रही है लेकिन पानी की बोतल से भी सस्ते शराब के पैग के लालच से न तो नशेड़ियों पर लगाम लग पाई है और न ही नशा बेचने वालों पर। धार्मिक नगरी ज्वालामुखी व आसपास के इलाकों की हालत यह है कि कभी चाय की दुकान पर तो कभी अंडे, मीट व मछली की दुकान पर शराब का अवैध कारोबार करने वाले थोड़े से मुनाफे के लिए एक-एक, दो-दो पैग पूरी बोतल से निकालकर पानी की बोतल व चाय के प्याले से भी कम कीमत पर बेचकर सैकड़ों लोगों को नशे के दलदल में डूबो चुके हैं। ज्वालामुखी में तो कई ऐसे नशा कारोबारी हैं जो 10-15 रुपये का पैग भी उपलब्ध करवाते हैं। यह भी तथ्य है कि कम दूरी पर स्थित दो अलग-अलग ठेकेदारों के ठेके होने की वजह से एक-दूसरे के क्षेत्र में अपनी सेल बढ़ाने के चक्कर में शराब नशा कारोबारियों के हाथ बिकवाई जाती है।

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एक साल में पकड़ी हजारों मिलीलीटर शराब

ज्वालामुखी पुलिस ने पिछले साल 38 लोगों पर शराब का अवैध कारोबार करने पर मामले दर्ज किए हैं। साथ ही 1500 मिलीलीटर अंग्रेजी व 2,15,287 मिलीलीटर देसी शराब कब्जे में ली है। थाना रक्कड़ के तहत 350 पेटी देसी शराब की धरपकड़ उस वक्त की थी जब इसे देहरा की ओर से ऊना की ओर ले जाया जा रहा था। थाना खुंडियां की बात करें तो बीते वर्ष 11 लोगों पर गैरकानूनी रूप से शराब बेचने के आरोप में मामले दर्ज हुए और 7500 मिलीलीटर अंग्रेजी व 75375 मिलीलीटर देसी शराब चाय, अंडे व मीट की दुकानों से बरामद की है। आंकड़े दर्शाते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों वाले खुंडियां व रक्कड़ में भी ज्वालामुखी शहर की ही तरह गैरकानूनी नशे का कारोबार फलफूल रहा है।

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जुर्माना भरने के बाद छूट जाते हैं आरोपित

लगातार धरपकड़ के बाद भी नशे के कारोबारियों के बुलंद हौसलों का कारण लचीला कानून भी माना जाता है। शराब का अवैध कारोबार करने वालों के हौसले इसलिए बुलंद रहते हैं क्योंकि न तो इनकी गिरफ्तारी होती है, न ही कोई बड़ा केस। पांच से 10 हजार रुपये जुर्माना लगने के बाद आरोपित छूट जाते हैं और फिर से धंधे में लग जाते हैं।

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पुलिस अपने स्तर पर लगातार इन लोगों की धरपकड़ करती है। इस बीमारी के नाश के लिए सामाजिक सहभागिता जरूरी है। लोग सहयोग करें तो अवैध कारोबार पर रोकथाम लगाई जा सकती है। जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाते हैं।

-चंद्रपाल सिंह, डीएसपी ज्वालामुखी


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