Move to Jagran APP

पेंपा सेरिंग और केलसंग दोरजे के बीच होगी निवार्सित तिब्‍बती सरकार के प्रधानमंत्री पद के लिए टक्कर, जानिए

Exiled Tibetan Govt Election सीटीए अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री पद दौड़ में अब दो ही दावेदार शेष बचे हैं। निर्वासित तिब्बती चुनाव आयुक्त बांगडू सेरिंग ने कहा 11 अप्रैल को होने वाली मतदान प्रक्रिया के लिए अब दो ही दावेदार पेंपा सेरिंग और केलसंग दोरजे ऑकत्संग मैदान में रहे हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 01:59 PM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 02:01 PM (IST)
पेंपा सेरिंग और केलसंग दोरजे के बीच होगी निवार्सित तिब्‍बती सरकार के प्रधानमंत्री पद के लिए टक्कर, जानिए
प्रधानमंत्री पद दौड़ में पेंपा सेरिंग और केलसंग दोरजे ऑकत्संग

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Exiled Tibetan Govt Election, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए ) अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री पद दौड़ में अब दो ही दावेदार शेष बचे हैं। निर्वासित तिब्बती चुनाव आयुक्त बांगडू सेरिंग ने कहा 11 अप्रैल को होने वाली मतदान प्रक्रिया के लिए अब दो ही दावेदार पेंपा सेरिंग और केलसंग दोरजे ऑकत्संग मैदान में रहे हैं। हालांकि इससे पूर्व ग्यारी डोलमा भी दौड़ में थी, लेकिन पहले चरण की मतगणना के हिसाब से वह बाहर हो गई हैं। अब पेंपा सेरिंग और केलसंग दोरजे के बीच चुनाव होगा। अंतिम चरण के मतदान के विश्व के विभिन्न देशों में 80 हजार मतदाता दोनों उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करेंगे।

loksabha election banner

उन्होंने बताया सीटीए अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री पद के अलावा निर्वासित संसद के 45 सदस्‍यों की सीटों के लिए भी उसी दिन मतदान होगा। सांसदों की 45 सीटों के लिए 96 उम्मीदवार मैदान में हैं। 11 अप्रैल को मतदान प्रक्रिया के बाद 14 मई को परिणाम घोषित होंगे। परिणाम के बाद 20 मई को चुने गए प्रतिनिधियों की शपथ होगी।

ये हैं अध्यक्ष पद के लिए सामने आए चार चेहरे

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अध्यक्ष पद के लिए पहले चरण में हुए चुनाव में पेमा सेरिंग सबसे अधिक 24,488 मत लेकर सबसे आगे हैं, जबकि द्वितीय स्थान पर ऑकत्संग केलसंग दोरजे 14,544, तीसरे स्थान पर गेरी डोलमा 13, 363 व डोडुंप नगडूप 10,200 मत लेकर चौथे स्थान पर हैं।

चार बार सांसद व एक बार अध्यक्ष रहे सेरिंग

चुनाव में सबसे आगे चल रहे पेंपा सेरिंग का जन्म कर्नाटक के बेलाकूपी में वर्ष 1967 में हुआ। उन्होंने सेंटर स्कूल ऑफ तिब्बतियन बेलाकूपी से जमा दो की पढ़ाई की। इसके बाद मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज चेन्नई से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। विद्यार्थी काल में ही तिब्बतियन फ्रीडम मूवमेंट के महासचिव रहे। वह 2001 से 2008 तक तिब्बतियन पार्लियामेंट एंड रिसर्च सेंटर नई दिल्ली के निदेशक रहे। वह 1996, 2001, 2006 और 2011 में सांसद बने। वर्ष 2011 में संसद के अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा गया।

उतरी अमेरिका में दलाई लामा के प्रतिनिधि रहे हैं केलसंग दोरजे ऑकत्संग

पश्चिम बंगाल के केलिंपोंग में वर्ष 1968 में जन्मे केलसंग दोरजे ऑकत्संग की जमा दो कक्षा तक की पढ़ाई केलिपोंग और देहरादून के सेंट जोसफ अकादमी में हुई। स्कूलिंग के बाद उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से इंग्लिश ऑनर में स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद यूके टफ्ट यूनिवर्सिटी से वर्ष 1998 में मास्टर ऑफ आट्स इन लॉ एंड डिप्लोमेसी पूरी की है। प्रधानमंत्री पद के दावेदार होने से पूर्व उन्होंने कई जिम्मेवार पदों का निर्वहन भी किया है। स्नातक पूरी करने के बाद वह कैपिटल एरिया तिब्बतियन एसोसिएशन और तिब्बतियन एसोसिएशन ऑफ उतरी कैलिफोर्निया के अध्यक्ष रहे हैं। इसके अलावा मुख्य रूप से धर्मगुरु दलाई लामा के उतरी अमेरिका में प्रतिनिधि और निर्वासित तिब्बतियन प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार भी रह चुके हैं। वहीं केंद्रीय तिब्बतियन प्रशासन में सोशल एंड रिसोर्स डेवल्पमेंट फंड (एसएआरडी) के निदेशक व इंटरनेशनल एडवायजरी कमेटी ऑफ माउंटेन इंस्टीट्यूट के सदस्य भी हैं।

इन देशों में होगा मतदान

ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड, नार्वे, पोलैंड, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूके, जापान, नेपाल, अमेरिका, रूस, ताइवान व भारत में मतदान होगा।

यह भी पढ़ें: HAS Toppers: बिना किसी कोचिंग के भटियात की शिखा ने पाया मुकाम, माता-पिता से की यह खास गुजारिश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.