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हिमाचल में ठंड का बिजली उत्‍पादन पर असर, आधे से कम पहुंची प्रोडक्‍शन; हो सकती है किल्‍लत

हिमाचल प्रदेश में सर्दियों की दस्‍तक के साथ नदियों में जलस्‍तर लगातार कम होता जा रहा है। इसका सीधा असर पर विद्यु‍त परियोजनाओं में बिजली उत्‍पादन पर पड़ने लगा है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 10:07 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 04:04 PM (IST)
हिमाचल में ठंड का बिजली उत्‍पादन पर असर, आधे से कम पहुंची प्रोडक्‍शन; हो सकती है किल्‍लत
हिमाचल में ठंड का बिजली उत्‍पादन पर असर, आधे से कम पहुंची प्रोडक्‍शन; हो सकती है किल्‍लत

बरोट, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में सर्दियों की दस्‍तक के साथ नदियों में जलस्‍तर लगातार कम होता जा रहा  है। इसका सीधा असर पर विद्यु‍त परियोजनाओं में बिजली उत्‍पादन पर पड़ने लगा है। ऐसे में सर्दी के माैसम में बिजली की किल्‍लत से जूझना पड़ सकता है। प्रदेश की आमूमन हर नदी में जलस्‍तर कम हो रहा है। बड़े बांध पर बनी परियोजनाओं में विद्युत उत्‍पादन सामान्‍य बना हुआ है। लेकिन छोटी नदियों व नालों पर बने प्रोजेक्‍ट में उत्‍पादन कम होता जा रहा है।

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द्रंग विधानसभा क्षेत्र की चौहार घाटी व संलग्न छोटा भंगाल घाटी में ठंड बढऩे से ऊहल व लंबाडग नदियों में जलस्तर कम हो गया है। इससे शानन व बस्सी विद्युत परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन कम होकर 35 से 40 मेगावाट तक सिमट गया है। पहाड़ों में बर्फबारी से वर्तमान में ऊहल व लंबाडग नदियों में 400 क्यूसिक से भी कम पानी नदियों में बह रहा है।

ऐसे में 110 मेगावाट के शानन विद्युत परियोजना के पहिये कुछ हद तक थम गए हैं। शानन विद्युत परियोजना के कार्यकारी अधिकारी ओपी ठाकुर ने उत्पादन घटने की पुष्टि करते हुए बताया कि उत्पादन में कमी आई है, मगर बैक फीडिंग से विद्युत लेने के चलते विद्युत आपूर्ति में कोई खास अंतर नहीं पड़ा है।


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