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हिमाचल के स्‍कूलों में दूसरी कक्षा से पढ़ाई जाएगी संस्‍कृत, इन विषयों का बदलेगा पाठ्यक्रम

Sanskrit start from 2nd class हिमाचल की दूसरी राजभाषा संस्कृत अब प्रदेश के स्कूलों में दूसरी कक्षा से पढ़ाई जाएगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 04:07 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 07:59 AM (IST)
हिमाचल के स्‍कूलों में दूसरी कक्षा से पढ़ाई जाएगी संस्‍कृत, इन विषयों का बदलेगा पाठ्यक्रम
हिमाचल के स्‍कूलों में दूसरी कक्षा से पढ़ाई जाएगी संस्‍कृत, इन विषयों का बदलेगा पाठ्यक्रम

धर्मशाला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश स्‍कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के कार्यालय में मंगलवार को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्‍यक्षता में महत्‍वपूर्ण बैठक हुई। हिमाचल की दूसरी राजभाषा संस्कृत अब प्रदेश के स्कूलों में दूसरी कक्षा से पढ़ाई जाएगी। इसके लिए सोलन स्थित एनसीआरटी ने दूसरी कक्षा से पांचवीं कक्षा तक का पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है, जिसे हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में स्वीकृति दी गई है। संस्कृत विषय के दूसरी कक्षा से शुरू होने के बाद इसी भाषा में बच्चों में संवाद शुरू हो पाएगा। अगले शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में यह विषय शुरू किया जाएगा।

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शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा इस दिशा में शुरुआत हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से ही होगी। इसके लिए बकायदा शिक्षा बोर्ड को भी निर्देश दे दिए गए हैं कि वह अपने जितने भी कार्यालय के बोर्ड हैं उनमें हिंदी के साथ-साथ संस्कृत में भी नाम अंकित करें।

दूसरा बड़ा फैसला बैठक में यह लिया गया है कि पांचवीं से दसवीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाए जा रहे नैतिक शिक्षा व स्वतंत्रता संग्राम की कहानी नामक पाठय पुस्तकों की पाठ्य सामग्री पर पुन: विचार करने के बाद अधिक प्रासंगिक व रुचिकर बनाया गया है, जिसे बोर्ड में अपनी सहमति दी और इसका नया नामकरण भारतीय प्रतिरोध एवं स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास करने को मंजूरी दी है। वहीं छात्रों को अपने प्राचीन मूल्यों से अवगत करवाया जा सके, इसके लिए कक्षा छठी से दसवीं तक गणित विषय के पाठयक्रम में वैदिक गणित को सम्मलित करने के लिए विषय सामग्री तैयार की है।

अब 25 परीक्षार्थियों पर पर्यवेक्षक

निर्णय लिया कि 25 छात्रों के ऊपर एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जाए जो पहले 40 परीक्षार्थियों पर होती थी। प्रदेश के परीक्षार्थियों को परीक्षा देने के लिए दूर न जाना पड़े को ध्यान में रखते हुए परीक्षा केंद्र के सृजन के लिए निर्धारित परीक्षार्थियों की संख्या को कम कर दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्रों को लाभ मिल सके।

डम्‍मी एडमिशन पर कार्रवाई

वहीं प्रदेश की पाठशालाओं में डम्मी एडमिशन को रोकने की दृष्टि से निर्णय लिया गया है कि प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड संबद्धता प्राप्त निजी स्कूल यदि डम्मी एडमिशन देते हुए पाया गया तो उसकी संबद्धता रद कर दी जाएगी।

इतिहास व संस्‍कृति को जोड़ने के दृष्टिगत पाठ्यक्रम होगा तैयार

छठी से 10वीं कक्षा तक सामाजिक विज्ञान के पाठयक्रम में अपने प्रदेश से संबंधित इतिहास व संस्कृति को जोड़ने के दृष्टिगत विषय विशेषज्ञों की कार्यशालाएं लगाकर पाठय सामग्री तैयार करवाने के लिए बोर्ड को निर्देश दिए, ताकि प्रदेश के बच्चों को अपने प्रदेश के इतिहास व संस्कृति से अवगत करवाया जा सके। वहीं पाठशालाओं में छात्रों में प्रसन्नता के स्तर में आ रही गिरावट को देखते हुए शिक्षा बोर्ड योग, शतरंज, एवं संगीत विषयों को भी पाठयक्रम का हिस्सा बनाएगा। बैग फ्री डे के लिए शिक्षाविद्धों के साथ चर्चा की जाएगी। जिसमें बैग फ्री डे के दिन क्या-क्या गतिविधियां स्कूलों में करवाई जाएं ये तय होगा। इसमें स्किल डेवलपमेंट, क्विज, पुस्तक समीक्षा, खेलकूद, इंटर हाउस योग, गायन आदि को शामिल होंगी।

बच्‍चों में इस तरह लाए जाएंगे संस्‍कार

प्रदेश के छात्रों में अच्छे संस्कार पैदा करने के उद्देश्य से स्कूल की प्रात:कालीन प्रार्थन सभा में राष्ट्रभक्ति से संबंधित, प्रात: उठकर प्राणायाम, नशामुक्ति, स्वच्छता एवं पर्यावरण, यातायात के नियम, माता-पिता व गुरुजनों के आदर के संस्कार पैदा करने से संबंधित गतिविधियां भी करवाई जाएंगी।


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