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प्री बोर्ड एग्‍जाम से पहले शिक्षकों को प्रशिक्षण शिविरों में जाने का फरमान, संघ ने जताया विरोध; पढ़ें खबर

Training before Pre Board Exam प्री बोर्ड एग्जाम की डेटशीट जारी होने के बाद शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने के शिक्षा विभाग के निर्देशों पर कड़ा रोष जताया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 03:28 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 03:28 PM (IST)
प्री बोर्ड एग्‍जाम से पहले शिक्षकों को प्रशिक्षण शिविरों में जाने का फरमान, संघ ने जताया विरोध; पढ़ें खबर
प्री बोर्ड एग्‍जाम से पहले शिक्षकों को प्रशिक्षण शिविरों में जाने का फरमान, संघ ने जताया विरोध; पढ़ें खबर

सुंदरनगर, जेएनएन। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने 10वीं व 12वीं कक्षाओं के प्री बोर्ड एग्जाम की डेटशीट जारी होने के बाद शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने के शिक्षा विभाग के निर्देशों पर कड़ा रोष जताया है। संघ का कहना है कि परीक्षाओं को लेकर यह समय पढ़ाई की दृष्टि से अहम है। ऐसे में शिक्षकों को प्रशिक्षण शिविरों में भेजने के निर्देश तर्कसंगत नहीं है। मंडी जिला के अध्यक्ष अश्वनी गुलेरिया, महासचिव देवराज शर्मा, वित्त सचिव राज कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दलीप ठाकुर, प्रेस सचिव राकेश शर्मा व मुख्य सलाहकार मंशा राम शर्मा सहित 22 खंड प्रधानों व अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे हैं।

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सभी स्कूलों से पांच-पांच शिक्षकों को एसएसए-आरएमएसए के तहत पांच दिनों तक प्रशिक्षण शिविरों में शिक्षक प्रशिक्षण देने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही शिक्षकों को एक महीने के लिए नशा निवारण व अन्य कार्यक्रमों में भी जाना होता है। जिस कारण विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और शिक्षक भी उनकी परीक्षा संबंधी तैयारियां नहीं करवा पा रहे हैं।

संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों को ऐसी किसी भी ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा ऐसे शिविरों का सही समय अप्रेल व मई है। नवंबर व दिसंबर के महीनों में इन शिविरों के आयोजनों को सही नहीं ठहराया जा सकता है। एक ओर विभाग शिक्षकों से अच्छे परीक्षा परिणामों की अपेक्षा करता है और दूसरी ओर उन्हें कक्षा में रहने भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग से मांग की है, बच्चों के भविष्य को देखते हुए इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए।


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