महिला अपराध रोकने के लिए शिक्षण संस्थानों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे, राज्यपाल से बैठक के बाद हरकत में विभाग
CCTV Camera in Schools शिक्षण संस्थानों व इसके आसपास छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर अब प्रशासन सख्त हो गया है। प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल व कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पूरे परिसर में जगह-जगह इन कैमरों को लगाया जाएगा।
शिमला, अनिल ठाकुर। शिक्षण संस्थानों व इसके आसपास छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर अब प्रशासन सख्त हो गया है। प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल व कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पूरे परिसर में जगह-जगह इन कैमरों को लगाया जाएगा। शिक्षण संस्थानों में पोक्सो के मामले सामने आने के बाद सरकार ने निर्णय लिया है। हाल ही में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में महिला सुरक्षा को लेकर आयोजित बैठक में भी इस पर चर्चा की गई थी। बैठक में पुलिस, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और शिक्षा विभाग को मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस की ओर से यह प्रस्ताव आया था कि इस समस्या के समाधान के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। इसके अलावा स्थानीय लोगों की भी इस कार्य में मदद ली जाएगी, ताकि इस पर बेहतर तरीके से कार्य किया जा सके।
महिला पुलिस वालंटियर करेंगी जागरूक
राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि महिला पुलिस वालंटियर भी जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगी। इसमें पंचायत प्रतिनिधियों, महिला मंडल और आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को शामिल किया जाएगा। उन्हें कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया जाएगा। यही नहीं शिक्षकों को भी जागरूक किया जाएगा, उन्हें बताया जाएगा कि यदि कोई विद्यार्थी इस तरह की शिकायत लेकर आता है तो कहां पर उन्हें शिकायत करवानी है।
पोक्सो केस में संलिप्त कर्मचारियों पर करें कार्रवाई
पुलिस की ओर से शिक्षा विभाग को पत्र भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसे शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी जिन पर पोक्सो के तहत मामले दर्ज हैं और वे विभाग में कार्यरत हैं उन पर तुरंत कार्रवाई करें। विभागीय जांच को पूरी कर इन्हें पद से हटाया जाए। महिला सुरक्षा की दृष्टि से यह जरूरी है कि शिक्षण संस्थानों में माहौल अच्छा हो। विभाग में कार्यरत करीब 52 कर्मचारी ऐसे हैं, जिन पर पोक्सो के मामले दर्ज हैं।
केस स्टडी
करीब चार साल पहले शिमला के स्कूल में पोक्सो का मामला सामने आया था। इसमें शिक्षक शामिल था। छात्रा ने तत्कालीन सचिव के समक्ष बयान दिया था कि उक्त शिक्षक पिछले काफी समय से उसके साथ छेड़छाड़ करता था। पहले शर्म से उसने किसी को यह बात नहीं बताई। बाद में जब यह सिलसिला बढ़ता रहा तो स्वजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। विभाग ने शिक्षक को बर्खास्त कर दिया था।
पुलिस के पत्र पर किया जा रहा कार्य
निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग डाक्टर अमरजीत शर्मा का कहना है पुलिस की तरफ से पत्र आया है। इस पर कार्य किया जा रहा है। सभी जिला के शिक्षा उपनिदेशकों और कॉलेज प्रधानाचार्यों को इस संबंध में लिख दिया है। कई संस्थानों में पहले से सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं।