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हिमाचल में फिर हिली धरती, धर्मशाला शहर के पास रहा केंद्र, साल में तीसरी बार महसूस किए गए झटके

Earthquake In Himachal Pradesh हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर धरती हिली है। बुधवार सुबह पांच बजकर पचास मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता 2.50 रही। इसका केंद्र बिंदू धर्मशाला से उत्तर में धौलाधार के आगे बड़ा जंगल की तरफ 14 किलोमीटर दूर रहा।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 09:51 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 09:51 AM (IST)
हिमाचल में फिर हिली धरती, धर्मशाला शहर के पास रहा केंद्र, साल में तीसरी बार महसूस किए गए झटके
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर धरती हिली है।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Earthquake In Himachal Pradesh, हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर धरती हिली है। बुधवार सुबह पांच बजकर पचास मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता 2.50 रही। इसका केंद्र बिंदू धर्मशाला से उत्तर में धौलाधार के आगे बड़ा जंगल की तरफ 14 किलोमीटर दूर रहा। भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से पांच किलोमीटर नीचे रही। सुबह सवेरे हुए इस भूकंप का झटका काफी हलका रहा, जिस कारण ज्यादातर लोग इसे महसूस नहीं कर सके। इस वर्ष में यह भूकंप का तीसरा झटका है, जबकि इससे कोई नुकसान की सूचना नहीं है। नववर्ष पर चार जनवरी की रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इनकी तीव्रता 4.3 थी और केंद्र धर्मशाला से 80 किलोमीटर उत्तर व उत्तर पूर्व था। इसकी गहराई पांच किलोमीटर थी। हालांकि इस भूकंप से कोई नुकसान नहीं हुआ।  दो दिन पहले भी भूकंप आया था, इसका केंद्र शाहपुर क्षेत्र में था। इसकी तीव्रता भी तीन से कम ही थी।

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कांगड़ा जिला सबसे संवेदनशील

1905 में आए भूकंप की दृष्टि से हिमालयन रेंज में जिला कांगड़ा सबसे संवेदनशील जोन पांच में आता है। अगर यहां पांच की तीव्रता से अधिक का भूकंप आया तो तबाही निश्चित है। कांगड़ा केंद्र में पिछले कुछ सालों से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन झटके 1905 की उस काली सुबह की याद दिला देते हैं, जिसके बारे में शायद ही कांगड़ा के किसी व्यक्ति को पता न हो। ऐसा नहीं है कि ऐसे संवेदनशील जिले में ऐसी आपदा से निपटने के लिए कोई तैयारी या प्रशिक्षण नहीं है। सब कुछ होने के बावजूद डर तो रहता ही है। ऊंची ईमारतें व नियमों के विपरीत निर्माण बहुमंजिला भवन इसे भूकंप के लिए और भी संवेदनशील बना रही हैं।


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