world mental health day ः हिमाचल में कोरोनाकाल के दौरान 15 फीसद बढ़े मानसिक अवसाद के मामले, आत्महत्याएं भी बढ़ीं
बुजुर्गों को मानसिक अवसाद से बचाने के लिए स्वजन का साथ होना जरूरी है। कोरोना काल में उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए अलग किया जिससे वे अवसाद का शिकार हुए। कोरोना काल में मानसिक अवसाद के मामलों में करीब 15 फीसद वृद्धि हुई जिससे आत्महत्याओं का ग्राफ भी बढ़ा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। world mental health day बुजुर्गों को मानसिक अवसाद से बचाने के लिए स्वजन का साथ होना जरूरी है। कोरोना काल में उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए अलग किया, जिससे वे अवसाद का शिकार हुए।
कोरोना काल में समाज का हर वर्ग प्रभावित हुए, जिससे मानसिक अवसाद के मामलों में करीब 15 फीसद वृद्धि हुए, जिससे आत्महत्याओं का ग्राफ भी बढ़ा। सबसे अधिक प्रभाव बच्चों व बुजुर्गों पर पड़ा है। स्कूल का रुटीन टूटने से बच्चे चिड़चिड़े हुए और उनमें गुस्सा भी बढ़ा। व्यवसाय और निजी नौकरी करने वालों का आर्थिक नुकसान हुए, जिससे अवसाद बढ़ा। प्रदेश के अस्पतालों में ओपीडी, हेल्पलाइन और ई-संजीवनी पर बीते डेढ़ वर्ष में तीस हजार लोगों ने सलाह ली है। मनोचिकित्सकों के पास सबसे अधिक संख्या युवाओं और बच्चों की रही। अभिभावक इनके व्यवहार से ङ्क्षचतित हैं। बच्चों के मोबाइल फोन पर व्यस्त होने से मानसिक परेशानी बढ़ी।
5 मार्च, 2016 से अब तक 104 हेल्पलाइन पर मांगी सलाह
समस्या,फोन काल
नशे की लत,1402
तनाव व अवसाद,1244
यौन समस्या,402
करियर सलाह,18
एचआइवी व एडस,04
आत्महत्या,03
कुल योग,3073
आत्महत्या के मामले
वर्ष,महिला,पुरुष,कुल
2020,564,292,856
2021,365,190,555
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मानसिक तनाव को झेलने में नाकाम कुछ लोग आत्महत्या तक का प्रयास कर रहे है। इसके लिए परिवार के लोगों का सहयोग और समय पर उपचार जरुरी है। मानसिक अवसाद का पूरी तरह से उपचार संभव है पर ऐसे लोगों के लिए प्यार और इलाज जरुरी है। बुजुर्गों को भी स्वजन का साथ अवसाद से बचा सकता है।
-डा. दिनेश, विभागाध्यक्ष मनोरोग विभाग आइजीएमसी, शिमला
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मानसिक तनाव के संबंध में कई फोन काल आ रही हैं। व्यवसाय न चलने वालों के साथ नौकरी चले जाने वाले, बच्चों में चिड़चिड़ापन और कोरोना संक्रमण की आशंका को लेकर काल आ रही हैं।
-मनीष कैंथला,राज्य प्रभारी 104 हेल्पलाइन।
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महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे प्रभावों को लेकर सर्वेक्षण किया गया। मानसिक अवसाद बढ़ा है और यह बच्चों व युवाओं में ज्यादा है। जो अवसाद को बढ़ाए उन कार्यों से परहेज जरूरी है।
-डा. संजय पाठक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमाचल प्रदेश मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण।