कोरोना काल में छिना काम तो दूध बेच कर चलाया घर परिवार, पशु किसान क्रेडिट योजना से मिला लाभ
Milk Production Business पिछले वर्ष लाकडाउन में कुठेड़ा जसवाला के दो भाई भजन सिंह और संजय सिंह गुजरात से लौटे। वहां जेसीबी आपरेटर थे। घर में एक एक भैंस पहले से थी। दोनों ने फैसला लिया कि अब वापस नहीं जाना है। दूध के कारोबार को बढ़ाने का निर्णय लिया।
गगरेट, अविनाश विद्रोही। कोरोना का दंश हर किसी पर किसी न किसी सूरत में जरूर आया है। लगभग हर परिवार, हर घर की कहानी है। समस्या एक ही है लेकिन समाधान अलग-अलग। कोरोना की वजह से बहुत से लोगों की नौकरियां गईं। कुछ का वर्क फ्राम होम शुरू हुआ तो कुछ के वेतन में कटौती हो गई। ऐसे में कई लोगों ने गांव की तरफ पलायन किया और गांव में अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ करने के नए अवसर तलाशने शुरू किए।
पिछले वर्ष लाकडाउन में कुठेड़ा जसवाला के दो भाई भजन सिंह और संजय सिंह गुजरात से लौटे। वहां जेसीबी आपरेटर थे। घर में एक एक भैंस पहले से थी। दोनों ने फैसला लिया कि अब वापस नहीं जाना है। दूध के कारोबार को बढ़ाने का निर्णय लिया। दोनों ने हिमाचल सरकार की पशु किसान क्रेडिट योजना के बारे में सुना और उसके तहत एक लाख 60 हजार रुपये का ऋण लिया। इसके बाद डेयरी के कारोबार में जुट गए। कुछ पूंजी अपनी लगाई और कुछ मदद सरकार से मिल गई। इस समय दोनों के पास तीन-तीन भैंसें हैं और रोजाना 15 लीटर दूध बेच रहे हैं।
दूध के कारोबार से बदली जिंदगी
भजन सिंह ने बताया कि लाकडाउन में जब कामकाज बंद हुआ तो उस समय कुछ नजर नहीं आ रहा था। दोनों भाई परेशान थे। घर में ज्यादा जमीन नहीं थी अन्यथा खेतीबाड़ी लेते। फिर हमने देखा कि दूध की मांग बहुत है लेकिन लोगों के पास दूध कम है। इसलिए हमने दूध के व्यवसाय को अपनाया और अब हम जितना गुजरात कमाते थे, उससे कहीं अधिक घर पर कमा रहे हैं। दूध के कारोबार ने हमारी ङ्क्षजदगी बदलकर रख दी है।
वरदान सिद्ध हो रही पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना
लाकडाउन में अपना रोजगार गंवा चुके कई परिवारों ने हिमाचल सरकार की पशुकिसान क्रेडिट योजना का लाभ उठाया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाना था, यानी जिनके पास पहले से पशु हैं लेकिन उनके आहार व अच्छी फीड की कमी के कारण दुग्ध क्षमता कम रह रही है उन पशुओं को अच्छी तकनीक से आहार और फीड देकर दुग्ध उत्पादन बढ़ाना है। इस योजना के तहत जिले में 600 के लगभग आवेदन विभाग के पास पिछले आठ माह में आए हैं जिसमें अकेले गगरेट से ही 115 आवेदन हुए हैं। इस योजना के लिए सबसे ज्यादा युवाओं ने आवदेन किया योजना का लाभ उठाया।
क्या है पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना
इस योजना के अंतर्गत एक लाख 60 हजार रुपये तक का कर्ज सात प्रतिशत की दर से ले सकते हैं और यदि तय समय के भीतर वापस कर दिया तो यही दर चार प्रतिशत रह जाएगी, बाकी तीन प्रतिशत आपके खाते में जुड़ जाएगा। इस ऋण का उपयोग करके आप वापस इसे जमा करवाकर फिर से निकाल सकते हैं। चाहे इस पैसे की जितनी बार ट्रांजेक्शन करें।
क्या कहते हैं पशुपालन विभाग के अधिकारी
पशुपालन विभाग गगरेट डा. राकेश कुमार का कहना है इस योजना में लोग रुचि दिखा रहे हैं। अधिकतर युवा और ऐसे लोग हैं, जिनका कारोबार लाकडाउन में प्रभावित हुआ है। इसके नतीजे भी सकारात्मक आ रहे हैं।