कोरोना काल में बहाना नहीं, चुनौती को बनाया अवसर, उद्यमी ने मंदी के दौर में इस तरह पाई कामयाबी
Corona Period कोरोना काल में कुछ लोगों ने संकट को भी अवसर की तरह देखा और मंदी के दौर में कामयाबी की इबारत लिख दी।
सोलन, विनोद कुमार। कोरोनाकाल में देश की अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। आम से खास हर कोई इससे प्रभावित हुआ है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे भी अवसर की तरह देखा और मंदी के दौर में कामयाबी की इबारत लिख दी। हालात के अनुसार खुद को ढालने और नया सोचने की क्षमता का प्रदर्शन माइक्रोटेक कंपनी ने भी किया है। हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में बिजली के उपकरण बनाने वाली कंपनी अब मेक इन इंडिया थीम के आधार पर नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर भी बना रही है। इससे पहले चीन सहित दूसरे देशों पर इस उपकरण के लिए निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब देश की कंपनियां भी इसका उत्पादन कर रही हैं। करीब दो माह से माइक्रोटेक कंपनी में रोजाना पांच हजार थर्मामीटर का उत्पादन किया जा रहा है।
नहीं मिला तो खुद बनाने का विचार आया
परवाणू स्थित माइक्रोटेक कंपनी के चेयरमैन सुबोध गुप्ता के अनुसार लॉकडाउन में घरेलू प्रयोग के लिए उन्हें नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर की आवश्कता महसूस हुई। बाजार में पता किया, लेकिन इस उपकरण की मांग अधिक व देश में उत्पादन कम होने के कारण उन्हें यह नहीं मिला। हालांकि इसके बाद मशक्कत करने पर थर्मामीटर तो मिला, लेकिन इसके दाम सुनकर वह हैरान रह गए, इसकी कीमत करीब आठ हजार थी। इसके बाद उनके मन में इसका उत्पादन देश में ही करने की योजना बनी।
गुणवत्ता भी बेहतर
सुबोध गुप्ता का कहना है कि उनकी कंपनी के थर्मामीटर की कीमत विदेश से काफी कम है। विदेशी थर्मामीटर आठ से दस हजार रुपये में मिलता है, जबकि यहां निर्मित थर्मामीटर 1500 रुपये में उपलब्ध है। यह थर्मामीटर 50 डिग्री तापमान पर भी कार्य करता है। इसका मैजङ्क्षरग डिस्टेंस एक से 15 सेंटीमीटर है। साथ ही फीवर अलार्म आदि कई फीचर हैं।
सरकार को मुफ्त देंगे एक हजार थर्मामीटर
माइक्रोटेक कंपनी प्रदेश सरकार को जल्द ही एक हजार नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर मुफ्त देगी। इससे प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों व सीमाओं पर स्वास्थ्य कर्मियों को थर्मामीटर की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा। सुबोध गुप्ता ने बताया कि उनकी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस विषय पर बातचीत हुई है।