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कोरोना संक्रमण के गंभीर स्थिति में पहुंचने का कारण देरी से अस्‍पताल पहुंचना, पढ़‍िए विशेषज्ञों की सलाह

Dr Suggestions On Coronavirus आइजीएमसी शिमला के प्रिंसिपल डा. रजनीश ने कहा कोरोना संक्रमण गंभीर स्थिति में पहुंच रहा है तो इसका एक मुख्य कारण देरी से अस्पताल में कोरोना की जांच करवाना है। कोरोना का सामुदायिक फैलाव हो चुका है इसलिए साधारण जुकाम खांसी बड़ी परेशानी बन सकती है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 10:00 AM (IST)
कोरोना संक्रमण के गंभीर स्थिति में पहुंचने का कारण देरी से अस्‍पताल पहुंचना, पढ़‍िए विशेषज्ञों की सलाह
खांसी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण हैं तो तुरंत डाक्टर से परामर्श लें।

शिमला, जेएनएन। Dr Suggestions On Coronavirus, खांसी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण हैं तो तुरंत डाक्टर से परामर्श लें। आइजीएमसी शिमला के प्रिंसिपल डा. रजनीश पठानिया ने कहा कोरोना संक्रमण गंभीर स्थिति में पहुंच रहा है तो इसका एक मुख्य कारण देरी से अस्पताल में कोरोना की जांच करवाना है। कोरोना का सामुदायिक फैलाव हो चुका है, इसलिए साधारण जुकाम, खांसी बड़ी परेशानी बन सकती है। कोरोना का संक्रमण अग्रणी स्टेजिज में पहुंचने पर नियंत्रण में लाना बेहद मुश्किल हो रहा है। ज्यादा परेशानी, बीपी, शुगर, कैंसर, हृदयरोगियों सहित अन्य गंभीर मरीजों को है। इन बीमारियों के साथ कोरोना संक्रमण होने पर खतरा बढ़ रहा है। कोरोना के लक्षण नजर आने पर सबसे पहले खुद को घर पर आइसोलेट कर लें, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर या आनलाइन ओपीडी के माध्यम से डाक्टरों से इस बारे में बात करें। सभी नियमों का पालन करने के साथ हाथ धोने की प्रक्रिया को नजरअंदाज न करें। 95 फीसद तक यह प्रक्रिया संक्रमण को अंदर घुसने से रोकेगी।

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हल्‍दी वाले दूध का सेवन करें, गिलोय का चूर्ण मिलाकर काढ़े का सेवन करें

ऊना। आयुर्वेदिक चिकित्सक लोहारा ऊना डाॅक्‍टर मीना का कहना है आयुर्वेद के कई फायदे हैं। यह व्यक्ति के स्वास्थ की रक्षा करता है तथा व्यक्ति के शरीर में विकार को दूर करके उसे स्वस्थ बनाता है। इसके अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी आयुर्वेद का अहम योगदान है। कोरोना से बचाव के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना चाहिए। इसके लिए हल्दी वाले दूध का सेवन करें। योग एवं प्राणायाम भी नियमित रूप से करें। ज्वार में गिलोय का चूर्ण मिलाकर काढ़े का सेवन करना चाहिए। सर्दी-जुकाम होने पर में दालचीनी, तुलसी, मग का चूर्ण बनाकर अदरक के साथ सेवन करें। सफेदे के पत्ते पानी में उबालकर उसकी भाप लेकर भी वायरस से काफी हद तक बचा जा सकता है और सांस लेने में आसानी होती है तो दिन में दो बार सरसों के तेल विशेषकर तारामीरा के तेल को नाक में लगाना चाहिए।


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