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Dr Suggestions: कोरोना मरीज की देखभाल करने वाला हो पूरी तरह स्‍वस्‍थ, बरतें ये सावधानियां

Dr Suggestions On Coronavirus विशेषज्ञ कार्डियोलाजी आइजीएमसी शिमला डाक्‍टर राजीव का कहना है कोरोना वायरस के हल्के या मध्यम लक्षण वाले मरीजों को डाक्टर घर पर रहकर ही इलाज करने को कहते हैं। होम आइसोलेशन में मरीज की देखभाल करने वालों पर जिम्मेदारी बढ़ जाती है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 11:36 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 11:36 AM (IST)
Dr Suggestions: कोरोना मरीज की देखभाल करने वाला हो पूरी तरह स्‍वस्‍थ, बरतें ये सावधानियां
होम आइसोलेशन में मरीज की देखभाल करने वालों पर जिम्मेदारी बढ़ जाती है।

शिमला, जेएनएन। Dr Suggestions On Coronavirus, विशेषज्ञ कार्डियोलाजी आइजीएमसी शिमला डाक्‍टर राजीव का कहना है कोरोना वायरस के हल्के या मध्यम लक्षण वाले मरीजों को डाक्टर घर पर रहकर ही इलाज करने को कहते हैं। होम आइसोलेशन में मरीज की देखभाल करने वालों पर जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्हें मरीज का ध्यान रखने के साथ खुद का बचाव भी करना पड़ता है। मरीज की देखभाल करने वाला व्यक्ति ऐसा होना चाहिए, जिसे पहले से कोई बीमारी न हो और उसमें कोरोना से संक्रमित होने की संभावना कम हो। संक्रमित मरीज को पूरी तरह आइसोलेट हो जाना चाहिए। मरीज का अलग कमरा और बाथरूम होना चाहिए। मरीज के कमरे की खिड़कियां खुली रखें ताकि सही वेंटीलेशन बना रहे। कोरोना मरीज के लक्षणों पर नजर रखें। अगर मरीज को सांस लेने में दिक्कत, छाती में तेज दर्द हो रहा हो, बिस्तर से उठ ही न पा रहा हो तो  उनके डाक्टर से संपर्क करें। कोरोना से संक्रमित मरीजों को घर के बाकी सदस्यों से बात करते समय मास्क पहनना चाहिए। देखभाल करने वाले व्यक्ति को मरीज के कमरे में जाते समय अच्छी तरह मास्क लगाना चाहिए। अपना मास्क समय-समय पर बदलते रहें।

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कोरोना से बचाव के लिए इस तरह मजबूत करें रोग प्रतिरोधक क्षमता

ऊना। आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी भलौण ऊना डा. हरीश कुमार का कहना है कोरोना से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी चाहिए। सुबह करीब आधे घंटे तक व्यायाम करें। दिन में दो बार गिलोय, तुलसी, लौंग, दालचीनी व मुलेठी डालकर काढ़ा बनाकर पीएं। दिन में दो-तीन बार नमक व हल्दीयुक्त पानी से गरारे करें और ठंडे पेय पद्धार्थों का सेवन न करें। दिन में गुनगुना पानी पीएं। च्यवनप्राश, हल्दी युक्त दूध, आयुष क्ववार्थ का सेवन भी करें, क्योंकि ये शरीर के लिए काफी लाभदायक होते हैैं। दिन में दो बार भाप लें। नाक में नारियल व बादाम तेल और देसी घी की दो बूंद डालें। इससे नाक व गले को काफी आराम मिलता है और बीमारी के कण शरीर के अंदर प्रवेश करने से पहले नष्ट हो जाते हैं। दिनभर आहार पौष्टिक होना चाहिए। इसमें हरी सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करें।


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