डा. मांडे बोले, हींग व केसर की खेती से आत्मनिर्भर बनेगा भारत
हींग और केसर की खेती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने की दिशा में अग्रणी कदम होगा। यह बात सीएसआइआर के महानिदेशक डा. शेखर सी. मांडे ने सीएसआइआर व हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आइएचबीटी) पालमपुर के 39वें स्थापना दिवस पर आनलाइन कार्यक्रम में कही।
पालमपुर, संवाद सहयोगी। हींग और केसर की खेती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने की दिशा में अग्रणी कदम होगा। यह बात सीएसआइआर के महानिदेशक डा. शेखर सी. मांडे ने शुक्रवार को वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआइआर) व हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आइएचबीटी) पालमपुर के 39वें स्थापना दिवस पर आनलाइन कार्यक्रम में कही।
नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं पूर्व महानिदेशक सीएसआइआर पद्म विभूषण डा. रघुनाथ अनंत माशेलकर ने कहा कि वैज्ञानिक नेतृत्व के लिए दूरदर्शी दृष्टि के साथ सूक्ष्म समझ का होना अनिवार्य है। कोरोना महामारी के दौरान राष्ट्र की सेवा और कठिनाइयों को अवसरों में बदलने के लिए सीएसआइआर के प्रयास सराहनीय रहे हैं। वह 'नवाचार नेतृत्व एक व्यक्तिगत यात्रा से सीखÓ विषय पर चर्चा कर रहे थे।
सीएसआइआर के महानिदेशक डा. शेखर सी. मांडे ने संस्थान के अनुसंधान और विकास कार्यों, वैज्ञानिक उपलब्धियों और समाज में सीएसआइआर-आइएचबीटी के योगदान की प्रशंसा की। इससे पहले संस्थान के निदेशक डा. संजय कुमार ने कार्यक्रम के अतिथियों पूर्व महानिदेशक सीएसआइआर डा. माशेलकर और सचिव डीएसआइआर एवं महानिदेशक सीएसआइआर डा. मांडे का अभिनंदन किया। सीएसआइआर-आइएचबीटी निदेशक डा. संजय कुमार ने 2020-21 के लिए संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि संस्थान सामाजिक, पर्यावरणीय, औद्योगिक और शैक्षणिक लाभों के लिए हिमालयी जैव संसाधनों से प्रक्रियाओं, उत्पादों और प्रौद्योगिकी की खोज, नवाचार, विकास और प्रसार के लक्ष्य की ओर लगातार प्रयास कर रहा है। संस्थान शहद उत्पादन के अलावा फूलों और सुगंधित फसलों की खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हिमाचल मेें हींग और केसर की खेती के लिए किसानों को संपूर्ण कृषि प्रौद्योगिकी प्रदान की जा रही है। इस दौरान डा. माशेलकर ने संस्थान में शिटाके मशरूम इन्क्यूबेशन सुविधा का उद्घाटन किया। महानिदेशक ने वर्चुअल मोड पर संस्थान के प्रस्तावित औषधालय का शिलान्यास भी किया।
नौ एमओयू भी हुए
इस मौके पर नौ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर (एमओयू) किए गए। इसमें दो फर्म के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा पांच फर्म के साथ सामग्री हस्तांतरण शामिल है। वहीं जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत जवाहर नवोदय विद्यालय पपरोला के साथ छात्रों तथा अध्यापकों के कौशल विकास और वैज्ञानिक अभिरुचि बढाने में समझौता हुआ।