Move to Jagran APP

अब बच्‍चों को नहीं जकड़ पाएंगी गलघोंटू, काली खांसी व बैक्टीरियल बीमारियां

केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआइ) कसौली की गुड्स मेन्यूफेक्चरिंग प्रैक्टिस (जीएमपी) लैब में अब डीपीटी वैक्सीन का उत्पादन डब्ल्यूएचओ के मानकों के तहत शुरू हो गया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 04:03 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 09:31 AM (IST)
अब बच्‍चों को नहीं जकड़ पाएंगी गलघोंटू, काली खांसी व बैक्टीरियल बीमारियां
अब बच्‍चों को नहीं जकड़ पाएंगी गलघोंटू, काली खांसी व बैक्टीरियल बीमारियां

सोलन, मनमोहन वशिष्‍ठ। केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआइ) कसौली की गुड्स मेन्यूफेक्चरिंग प्रैक्टिस (जीएमपी) लैब में अब डीपीटी वैक्सीन का उत्पादन डब्ल्यूएचओ के मानकों के तहत शुरू हो गया है। देश में अब इन वैक्सीन की कमी नहीं रहेगी। छोटे बच्चों को लगने वाले इन वैक्सीन का यहां बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा। संस्थान में कई साल से इसके उत्पादन की प्रक्रिया चल रही थी। सभी ट्रायल पूरा करने के बाद अब उत्पादन शुरू हो गया है।सीआरआइ कसौली जीवन रक्षक वैक्सीन के उत्पादन के लिए देशभर में जाना जाता है। इस साल दिसंबर तक इस वैक्सीन के 40 लाख डोज तैयार करने का लक्ष्य है। 15 लाख डोज की फिलिंग हो चुकी है।

loksabha election banner

बच्चों के लिए हैं ये डीपीटी वैक्सीन

डीपीटी (डिप्थीरिया, पटरुसिस व टेटनस) वैक्सीन से शिशु का तीन तरह के संक्रामक रोग से बचाव किया जाता है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को इन रोगों से लड़ने के लिए विकसित किया जाता है। यह टीका बच्चों में होने वाली गलघोंटू, काली खांसी व बैक्टीरियल बीमारी के लिए लगता है।

सरकारी क्षेत्र में पहली जीएमपी लैब

सीआरआइ कसौली में डीपीटी वैक्सीन के उत्पादन के लिए देश में सरकारी क्षेत्र में यह पहली जीएमपी लैब है। इसका उद्घाटन 24 अप्रैल, 2016 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किया था। संस्थान पहले भी डीपीटी वैक्सीन का उत्पादन करता था, लेकिन डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुरूप वैक्सीन प्रोडक्शन करने के लिए जीएमपी लैब का होना जरूरी था इसलिए यहां पर साठ करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया गया था।

डीपीटी वैक्सीन का उत्पादन जीएमपी लैब में शुरू हो गया है। संस्थान हर माह 20 लाख डोज की प्रोडक्शन करेगा।

- डॉ. अजय कुमार तहलान, निदेशक, केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.