जनजातीय जिला लाहुल के दिवेश ने बिना कोचिंग पास की सिविल सर्विसिज परीक्षा, बने आइएएस अफसर
IAS Divesh Shashni दिवेश शाशनी बिना कोचिंग लिए एसटी वर्ग में बेहतर अंक हासिल कर आइएएस बनने वाले पहले जनजातीय युवक बन गए हैं। दिवेश के पिता बलदेव शाशनी एक प्रगतिशील बागवान हैं और माता शिक्षिका हैं। बेटे की कामयाबी से पूरा परिवार बेहद खुश है।
केलंग, जेएनएन। जुनून और जिद के आगे देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसिज की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने वाले दिवेश शाशनी युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं। बड़ी बात यह है कि दिवेश शाशनी बिना कोचिंग लिए एसटी वर्ग में बेहतर अंक हासिल कर आइएएस बनने वाले पहले जनजातीय युवक बन गए हैं। दिवेश के पिता बलदेव शाशनी एक प्रगतिशील बागवान हैं और माता शिक्षिका हैं। बेटे की कामयाबी से पूरा परिवार बेहद खुश है।
बलदेव शाशनी को अपने बेटे की मेहनत और लगन पर पूरा यकीन था। ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े दिवेश ने इंजीनियरिंग के लिए चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनीरिंग कॉलेज में प्रवेश लिया। हालांकि इससे पहले दिवेश की पढ़ाई मनाली में हुई है। करीब एक दशक बाद लाहुल स्पीति से किसी युवक की प्रॉपर आईएएस में सलेक्शन होने से घाटी में खुशी की लहर है। लाहुल के गोशाल गांव से तालुक रखने वाले दिवेश की कामयाबी से ग्रामीण बेहद खुश हैं। गोशाल पंचायत की प्रधान सुशीला राणा ने कहा दिवेश ने न सिर्फ बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है।
उधर, तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कंडेय ने आइएएस अफसर बने दिवेश और उसके पूरे परिवार को बधाई दी है। मार्कंडेय ने कहा दिवेश की यह कामयाबी घाटी के युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी।