हिमाचल विधानसभा में ऋण सीमा बढ़ाने का विधेयक पास, सदन में गहमागहमी, विपक्ष ने किया वाकआउट
Himachal Vidhan Sabha हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वीरवार को कर्ज लेने की लिमिट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में गहमागहमी हो गई। दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक के बीच विपक्ष ने सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया।
शिमला, जेएनएन। Himachal Vidhan Sabha, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वीरवार को कर्ज लेने की लिमिट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में गहमागहमी हो गई। दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक के बीच विपक्ष ने सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की गैरमौजूदगी में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कर्ज लेने के लिमिट को 3 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी तक करने के लिए विधेयक पेश किया।
इससे पूर्व विपक्ष ने कहा कर्ज लेने की लिमिट बढ़ाने से जनता को धोका देने वाला है और कर्ज लेकर घी पीने का आरोप लगाया। सुरेश भारद्वाज ने कहा केवल एक साल के लिए है। मुकेश अग्निहोत्री ने इसे काला दिवस कहा। विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट किया। माकपा विधायक राकेश सिंघा भी सदन में अपनी बात रखने के बाद वाकआउट कर गए। कर्ज लेने की लिमिट बढ़ाने का विधेयक विपक्ष की गैरमौजूदगी में विधानसभा में पास हो गया।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की मदद करने के लिए तैयार नहीं है। सरकार इस कानून को रद करे। सरकार के मंत्री व विपक्ष दिल्ली चलें व केंद्र सरकार से मदद मांगें। कर्ज बढ़ाकर खर्च चलाना कोई समाधान नहीं है।
वर्तमान में प्रदेश सरकार पर 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण है। बजट का काफी हिस्सा लोन की किश्त व ब्याज चुकाने में ही खर्च हो रहा है। इसका असर प्रदेश के विकास पर भी पड़ रहा है।