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महापौर व उपमहापौर पद के लिए बिछने लगी बिसात

नगर निगम पालमपुर के चुनाव में बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस में महापौर व उपमहापौर के लिए जोड़तोड़ शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 05:30 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 05:30 AM (IST)
महापौर व उपमहापौर पद के लिए बिछने लगी बिसात

कुलदीप राणा, पालमपुर

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नगर निगम पालमपुर के चुनाव में बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस में महापौर व उपमहापौर पद के लिए बिसात बिछने लगी है। इन पदों के लिए संभावित पार्षदों ने गोटियां फिट करना शुरू कर दी हैं। निगम महापौर का पद ढाई-ढाई साल के लिए अनुसूचित जाति (एसी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है।

अनुशासन में रहने वाले पालमपुर के कांग्रेस पार्षदों में बुटेल परिवार का आदेश न मानने की हिम्मत नहीं है। इसके बावजूद कुछ लोग अंदरखाते गोटियां फिट करने में जुट गए हैं। महापौर व उपमहापौर पद के लिए अंदरूनी तौर पर टिकट आवंटन की तर्ज पर प्रतिस्पर्धा हो रही है। निगम चुनाव प्रभारी एवं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बुधवार से ही पालमपुर में डेरा जमा लिया है। वहीं, 13 अप्रैल को शपथ ग्रहण समारोह के बाद महापौर व उपमहापौर का चुनाव सुनिश्चित किया गया है। कोरम पूरा न होने की सूरत में ही तीन दिन के बाद होने वाली बैठक में फैसला लेना होगा लेकिन पालमपुर में ऐसी नौबत न आने की पूरी संभावना है।

नगर निगम पालमपुर के 15 वार्डो में कांग्रेस के पास 11 सीटें आई हैं। वार्ड तीन से विजयी कांग्रेस के बागी दिलबाग सिंह की कांग्रेस की प्रेस वार्ता में उपस्थिति इस संख्या को बढ़ा रही है। एक अन्य निर्दलीय पार्षद के भी कांग्रेस को समर्थन देने के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्षदों की संख्या 13 हो जाएगी। महापौर का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आवंटित होता है तो तीन पार्षद अनुसूचित जाति से संबंधित हैं। इनमें वार्ड नौ चौकी से निशा देवी, वार्ड पांच सुग्घर से शशि डिपल तथा वार्ड-15 होल्टा से पूनम बाली शामिल हैं। वहीं, उप महापौर के लिए कांग्रेस को चयन करने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है। कमेटी का गठन कर होगा फैसला : मुकेश अग्निहोत्री

सभी पार्षदों का पहली बार नगर निगम में प्रवेश वरिष्ठ नेताओं के आशीर्वाद से हुआ है। ऐसे में जिसे भी पार्टी जिम्मेदारी सौंपेगी, अन्य विरोध नहीं कर सकते हैं। इस बात को निगम चुनाव प्रभारी एवं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री भी स्वीकार कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि महापौर व उपमहापौर चुनने का अधिकार विजेता पार्षदों को है लेकिन कमेटी का गठन कर मिल बैठकर फैसला किया जाएगा। चयन में सभी वर्गो का ध्यान रखते हुए सर्व सहमति से निर्णय लिया जाएगा। किसी भी पद पर जबरदस्ती नहीं की जाएगी। कमेटी के समक्ष विजेता पार्षदों का जो निर्णय होगा, उसे ही लागू किया जाएगा।


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