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फ्रांसीसी दूतावास के निदेशक ने किया आह्वान: जितना प्रकृति के निकट रहेंगे, उतना स्‍वस्‍थ रहेंगे

जितना अधिक प्रकृति के निकट रहेंगे उतना ही स्वस्थ्य होंगे। स्वस्थ रहने के लिए भागदौड़ भरी जिंदगी में यह मूल मंत्र है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 11:14 AM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 11:14 AM (IST)
फ्रांसीसी दूतावास के निदेशक ने किया आह्वान: जितना प्रकृति के निकट रहेंगे, उतना स्‍वस्‍थ रहेंगे
फ्रांसीसी दूतावास के निदेशक ने किया आह्वान: जितना प्रकृति के निकट रहेंगे, उतना स्‍वस्‍थ रहेंगे

पालमपुर, जागरण संवाददाता। जितना अधिक प्रकृति के निकट रहेंगे, उतना ही स्वस्थ्य होंगे। स्वस्थ रहने के लिए भागदौड़ भरी जिंदगी में यह मूल मंत्र है। हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आइएचबीटी) पालमपुर में शुक्रवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भारत स्थित सीएनआरएस कार्यालय फ्रांसीसी दूतावास के निदेशक डॉ. श्रीनिवास वी कावेरी ने यह बात कहते हुए विज्ञानियों और विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वह अपनी जीवनशैली के प्रति जागरूक हों।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में पादप फिनोमिक्स

कृत्रिम बुद्धिमता पर आधारित दृष्टिकोण पर डॉ. कावेरी ने कहा कि जितना अधिक प्रकृति के बीच रहा जाए वह बेहतर है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए विश्व में अरबों रुपये खर्च कर शोध हो रहे हैं। शोधों के मूल में जाया जाए तो सभी प्रकृति में वापस आते हैं। उन्होंने समझाया कि सालों पहले उनकी कॉलोनी में दो स्कूटर होते थे। उन स्कूटर पर घूमना शान समझा जाता था। आज कॉलोनी वहीं है लेकिन हर घर में दो गाडिय़ां हैं। यह परिवर्तन विलासता बढ़ा रहा है, जिससे मानव को अनेक बीमारियों ने घेर लिया है। प्रदूषण स्तर इतना अधिक हो गया है कि बड़े महानगरों से भागकर लोग पहाड़ी स्थानों पर स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंच रहे हैं। गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए अरबों की राशि खर्च करते हुए कैसे स्वस्थ रहें और बीमारी से खुद को कैसे बचाएं, इस पर विज्ञानी लगातार काम कर रहे हैं।

कार्यप्रणाली पर रिपोर्ट की पेश

इससे पहले संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने आइएचबीटी की कार्यप्रणाली पर रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि विज्ञान के प्रति रुचि जगाने के लिए जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत प्रदेश के स्कूली विद्यार्थियों को बुलाया जाता है। इस दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडीकल कॉलेज टांडा से समझौता पत्र पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान कुलपति डॉ. अशोक कुमार सरियाल, सिविल अस्पताल पालमपुर के एमएस डॉ. विनय महाजन, पूर्व निदेशक डॉ. अनिल सूद, डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. वत्स समेत अन्य उपस्थिति रहे।

केंद्रीय जैव प्रौद्योगिकी की पूर्व सचिव ने ऑनलाइन किया संबोधित

केंद्रीय जैव प्रौद्योगिकी की पूर्व सचिव डॉ. मंजू शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि पहुंचना था, मगर मौसम की खराबी की वजह से वह नहीं आ पाईं। उन्होंने ऑनलाइन ही विशेषज्ञों और विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने संस्थान में बनाई गई फूड प्रोङ्क्षसग यूनिट का भी उद्घाटन किया।


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