तबका शहरी, सुविधाए गांवों से भी पिछड़ी
शहर का हिस्सा बनने के बावजूद भी नगर निगम धर्मशाला में मर्ज हुई पंचायतों के लोग ग्रामीण परिवेश में ही जीने को मजबूर हैं।
धर्मशाला, जेएनएन। नगर निगम का हिस्सा बनने के बावजूद धर्मशाला में मर्ज पंचायतों के लोग ग्रामीण परिवेश में ही जीने को मजबूर हैं। इसकी वजह ये है कि अभी तक ये क्षेत्र शहरी निकाय में मिलने वाली सुविधाओं से पूरी तरह से महरूम है। केवल यहां स्ट्रीट लाइट सुविधा व कूड़ेदान की ही व्यवस्था हो पाई है। हालांकि मई, 2019 के बाद मर्ज क्षेत्र के लोगों पर टैक्स लगना तय है।
प्रदेश सरकार ने जब धर्मशाला नगर निगम बनाया था और उसमें मर्ज हुए क्षेत्र के लोगों को तीन साल की अवधि तक टैक्स में छूट का प्रावधान किया था, लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी मर्ज क्षेत्र के लोगों को शहरी निकाय में मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल रही है। मर्ज क्षेत्र के लोगों ने वार्ड सभाओं के दौरान महापौर के समक्ष भी मांग उठा चुके हैं कि जब तक उन्हें सुविधाएं नहीं मिलती हैं, उनसे टैक्स न लिया जाए। हालांकि महापौर ने प्रदेश सरकार को इस संबंध में एक पत्र लिखा है कि सरकार जब तक सुविधाएं नहीं मिलती तब तक नए क्षेत्र के लोगों को छूट दी जाए और इसकी एवज में टैक्स के रूप में मर्ज क्षेत्र से एकत्र होने वाली धनराशि को बतौर ग्रांट नगर निगम को जारी करे।
अब देखना ये है कि महापौर के पत्र पर सरकार मुहर लगाती है या अपनी जारी अधिसूचना पर अडिग रहती है। गौरतलब है कि धर्मशाला शहर के नगर निगम बनने पर खनियारा, सिद्धपुर, सिद्धबाड़ी, गबली दाड़ी, ऊपरली दाड़ी, बड़ोल, सकोह, मंत, व कजलोट पंचायत के कुछ हिस्सों को शामिल किया गया था। अधिसूचना के मुताबिक तीन वर्ष तक इन क्षेत्रों के लोगों को टैक्स में छूट दी गई थी, जोकि मई, 2019 में समयसीमा पूर्ण होने वाली है, जिसके बाद टैक्स लगना है, लेकिन अभी तक नए क्षेत्रों के लोगों को शहरी निकाय में मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल पाई है। यहां तक सीवरेज सुविधा से भी ये क्षेत्र के अछूता है।
मर्ज क्षेत्र में मई, 2019 के बाद टैक्स लगना है, लेकिन इस संबंध में सरकार के आदेश का इंतजार किया जा रहा है कि क्या किया जाए, क्योंकि अभी तक मर्ज क्षेत्र के लोगों को शहरी निकाय वाली सुविधाएं नहीं मिली है। -संदीप कदम, आयुक्त नगर निगम धर्मशाला।
मर्ज क्षेत्र के लोगों पर तब तक टैक्स न लगाया जाए, जब तक कि उन्हें शहरी निकाय की तर्ज पर मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल जाती। वार्ड सभाओं के दौरान लोगों ने भी उपरोक्त मांग को उठाया है और इस संबंध में बकायदा सरकार को पत्र लिखा गया है कि मर्ज क्षेत्र के लोगों को एकत्र होने वाले टैक्स के रूप में राजस्व को सरकार बतौर ग्रांट जारी करे। -देवेंद्र जग्गी, महापौर नगर निगम धर्मशाला। राजेंद्र डोगरा