Move to Jagran APP

धर्मशाला शहर के 70 फीसद लोग डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की एवज में शुल्‍क देने को नहीं तैयार, पढ़ें पूरा मामला

Dharamshala Garbage Issue बेशक धर्मशाला शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने की कदमताल के तहत नगर निगम धर्मशाला ने डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की मुहिम को बरकरार रखा हो लेकिन अब भी तीस फीसद ही शहरी इसकी एवज में तय शुल्क दे रहे हैं

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 12:54 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 12:54 PM (IST)
धर्मशाला शहर के 70 फीसद लोग डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की एवज में शुल्‍क देने को नहीं तैयार, पढ़ें पूरा मामला
नगर निगम धर्मशाला ने डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की मुहिम ठंडी पड़ रही है।

धर्मशाला, संवाद सहयोगी। Dharamshala Garbage Issue, बेशक धर्मशाला शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने की कदमताल के तहत नगर निगम धर्मशाला ने डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की मुहिम को बरकरार रखा हो, लेकिन अब भी तीस फीसद ही शहरी इसकी एवज में तय शुल्क दे रहे हैं, जबकि अब भी 70 फीसद शहरी शुल्क चुकाने को तैयार नहीं हैं। जिसके चलते निगम की मुहिम में भी अड़चन उत्पन्न हो रही है। यही कारण है कि कई वार्डों में अब भी दो दिन छोड़कर ही सफाई कर्मी कूड़ा एकत्र करने के लिए आ रहे हैं।

loksabha election banner

हालांकि डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र किए जाने की मुहिम छेड़ने का उद्देश्य ये था कि इससे घर कूड़ा घर से उठा लिए जाने से कूड़ेदानों तक पहुंचने की बजाय पहले उठा लिया जाए, लेकिन इस दिशा में निगम के उठाए गए कदम जहां कई शहरियों के शुल्क अदा न करने और कई जगह सफाई कर्मियों के रोजाना न जाने से उद्देश्य की पूर्ति में बाधा बन रही है। यही आलम भूमिगत कूड़ेदानों का भी है। लाखों की धनराशि खर्च कर स्थापित किए गए इन कूड़ेदानों के बाहर भी कूड़ा बिखरा रहता है। या तो शहरियों को भूमिगत कूड़ेदानों के इस्तेमाल की सही जानकारी नहीं है या फिर निगम की ओर से ही सफाई व्यवस्था को पुख्ता नहीं किया जा रहा है।

यह बोले देवेंद्र जग्गी, पार्षद एवं पूर्व महापौर

कई जगह पर अब भी भूमिगत कूड़ेदानों के बाहर कूड़ा बिखरा है। समस्या हल हो इसके लिए निगम के अधिकारियों व महापौर से लगातार चर्चा की जा रही है। इसके अलावा डोर-टू-डोर सफाई व्यवस्था को भी पुख्ता बनाए जाने की दिशा में मिलकर काम किया जाएगा।

यह बोले महापौर ओंकार नैहरिया

डोर-टू-डोर सफाई व्यवस्था को पुख्ता किए जाने को लेकर प्रयास जारी हैं। हालांकि अभी भी 30 फीसद शहरी ही डोर-टू-डोर कूड़ा उठाए जाने की एवज में शुल्क दे रहे हैं। शहरियों को भी जागरूक किया जाएगा कि वह भी अपना योगदान शुल्क देकर सुनिश्चित करें, जहां तक बात भूमिगत कूड़ेदानों की है तो जहां से शिकायत मिलती है उन्हें तुरंत खाली करवा दिया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.