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DGP Interview: पुलिस की छवि में करेंगे सुधार, कांस्टेबल से डीजी तक करेंगे परफॉर्म; जानिए क्या है योजना

DGP Sanjay Kundu Interview हिमाचल प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू लीक से हटकर कार्य करने में भरोसा रखते हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 09:17 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 09:17 AM (IST)
DGP Interview: पुलिस की छवि में करेंगे सुधार, कांस्टेबल से डीजी तक करेंगे परफॉर्म; जानिए क्या है योजना
DGP Interview: पुलिस की छवि में करेंगे सुधार, कांस्टेबल से डीजी तक करेंगे परफॉर्म; जानिए क्या है योजना

शिमला, रमेश सिंगटा। हिमाचल प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू लीक से हटकर कार्य करने में भरोसा रखते हैं। पुलिस में क्या खामियां हैं, कैसे इसमें सुधार हो सकता है, जनता कैसी पुलिस देखना चाहती है, इन सब पहलुओं पर वह सत्ता और विपक्ष के नेताओं सहित पूर्व राज्य पुलिस प्रमुखों, न्यायिक अधिकारियों अहम ओहदों पर बैठे लोगों से मुलाकात करेंगे।

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राज्यपाल, हाईकोर्ट से मुख्य न्यायधीश, विधानसभा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्रियों की सबकी राय लेंगे। जनता से भी फीडबैक लेंगे। नए कदम कागजी नहीं वास्तविक होंगे। ये धरातल पर दिखेंगे। सबके अनुभवों का लाभ उठाएंगे। खुद भी टीम लीडर की प्रभावी भूमिका निभाएंगे। पुलिस कर्मियों की परिवार के सदस्यों की तरह सुध लेंगे। संस्थागत क्षमताओं का निर्माण करेंगे। इनका क्या विजन है, प्रदेश के बारे में क्या सोच हैं। इन सब मसलों पर 'दैनिक जागरणÓ के साथ डीजीपी संजय कुंडू ने विस्तृत बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश।

समाज, जनता व पुलिस को आपसे बहुत उम्मीदें हैं। पुलिस की छवि में कैसे सुधार करेंगे?

देखिये, पुलिस से समाज की क्या अपेक्षाएं हैं, इसके बारे में सभी अहम ओहदेदारों, राज्यपाल, मुख्य न्यायाधीश, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मुख्यमंत्रियों, न्यायिक, लेखा अकादमी के अधिकारियों, पूर्व पुलिस महानिदेशकों जैसे सीबीआइ ने पूर्व निदेशक अश्वनी कुमार, पूर्व डीजीपी आरआर वर्मा, आइबी नेगी, अमरीक सिंह आदि से से सिलसिलेवार मुलाकात करूंगा। इनके राय लूंगा, इसके आधार पर सुधार के प्रयास होंगे।

अपराधों की जांच के लिए अलग से विंग गठित करेंगे?

बिल्कुल, इस कार्य के लिए आर्थिक संसाधनों की जरूरत रहेगी। ढांचागत बदलाव लाना होगा। इस मसले को सरकार के साथ उठाएंगे। कोशिश करेंगे कि प्रदेश में कानून व्यवस्था और अपराधों की जांच के लिए अलग-अलग विंग हो। कागजों में तो है, पर व्यवहारिक रूप में भी इस पर अमल करवाएंगे।

सिंथेटिक ड्रग्स की प्रदेश के अंदर ही खपत हो रही है। क्या बड़े सौदागरों पर भी कार्रवाई होगी?

आपने सही सवाल पूछा। नशे के अवैध कारोबार की जड़ पर चोट होगी। बड़े सौदागरों की जड़े सुखाने के लिए कड़ी कार्रवाई पर जोर रहेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में काबिल अफसरों की तैनाती होगी। वहां नशे को अंदर तक पहुंचने से रोकना पड़ेगा। तभी चिट्टा हिमाचल की जवानी को चंगुल में नहीं ले पाएगा। खुफिया नेटवर्क सशक्त करेंगे। अपराधों की मैपिंग होगी। तस्करों की संपत्ति को जब्त किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद का भी अनुभव भी आपके पास है, सरकार के साथ बेहतर तालमेल का पुलिस को क्या लाभ होगा?

सेल्फ ग्लोरीफिकेशन की जगह संस्थागत क्षमता का निर्माण किया जाएगा। साइबर सेल को और प्रभावी बनाएंगे। सजा की दर में बढ़ोत्तरी करने से पहले जांच अधिकारियों, लोक अभियोजकों को कानून में आए ताला बदलावों, फॉरेंसिक साइंस की निरंतर ट्रेनिंग दी जाएगी। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का भी सहयोग लिया जाएगा। पुलिस में टीम वर्क को बढ़ावा मिलेगा।

कोठखाई जैसे जघन्य अपराधों की पुनरावृत्ति न हों, इसके लिए तत्काल क्या करेंगे?

संगीन अपराध घटित होने पर जिलों के पुलिस अधीक्षकों को मौके पर जाना होगा। मौके पर उनका जाना जरूरी होगा। जांच कार्य में दक्ष लोगों की दक्षता में और निखार लाया जाएगा। महिलाओं, बच्चियों पर होने वाले अपराधों की जांच तय समयावधि में पूरी करनी होगी। बीट सिस्टम को मजबूत बनाया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारी लगातार निगरानी करेंगे। एसपी थानों का लगातार निरीक्षण करेंगे।

प्रदेश की सीमा जम्मू- कश्मीर से लगती हैं, आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने के लिए आप क्या प्रयास करेंगे?

हिमाचल के चंबा जिले की सीमाएं जम्मू- कश्मीर से लगती है। पहले भी कई आतंकी घटनाएं घट चुकी है। हालांकि सुखद पहलू यह है कि हमारे बॉर्डर इलाकों लंबे समय से शांत है। हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं, लेकिन फिर भी हम और सतर्कता बरतेंगे। सेना के इंटेलिजेंस विंग और आतंरिक इंटेलीजेंस एजेंसियों के साथ उचित तालमेल बनाया जाएगा। सीमाई इलाकों पर गश्त और बढ़ाई जाएगी। जम्मू- कश्मीर और पंजाब पुलिस के साथ बैठकें करेंगे। इसमें खुफिया सूचनाएं साझा करेंगे।

शांता का आया फोन, कहा-बड़े ही काबिल हो आप

नया पदभार संभालते ही डीजीपी को पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का फोन आया, बोले, आप बड़े ही काबिल अफसर हो, मैंने तो अब आपका बायाडाटा पढ़ा। उन्होंने कोठखाई मामले का जिक्र किया। कहा कि पीडि़त परिवार को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। अब प्रदेश में अपराध बहुत बढ़ गया है। कुंडू साहब इसे रोकना होगा, तभी हिमाचल आगे बढ़ पाएगा।


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