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सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के लिए पंचायत एनओसी नहीं देगी तो उपायुक्त होंगे अधिकृत

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। हिमाचल को 2030 तक ग्रीन एनर्जी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। जिन प्रोजेक्टों के लिए पंचायतें अनापत्ति पत्र (एनओसी) नहीं देंगी वहां उपायुक्त को एनओसी देने के लिए अधिकृत किया जाएगा।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 10:38 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2022 10:38 PM (IST)
सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के लिए पंचायत एनओसी नहीं देगी तो उपायुक्त होंगे अधिकृत
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी रोटरी क्लब में सौर ऊर्जा शिविर के दौरान सोलर उपकरणों की जानकारी हासिल करते हुए। जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। विभिन्न सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए सरकार अनुदान प्रदान कर रही है। हिमाचल को 2030 तक ग्रीन एनर्जी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। जिन प्रोजेक्टों के लिए पंचायतें अनापत्ति पत्र (एनओसी) नहीं देंगी, वहां उपायुक्त को एनओसी देने के लिए अधिकृत किया जाएगा।

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शुक्रवार को रोटरी क्लब शिमला में दो दिवसीय सौर ऊर्जा शिविर का उद्घाटन करने के बाद सुखराम चौधरी ने कहा कि सौर ऊर्जा पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन में अहम भूमिका निभा रही है। पर्यावरण संतुलन और कम लागत इसका मूल उद्देश्य है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एक से तीन किलोवाट तक रूफ टाप पावर प्लांट लगाने के लिए कुल मूल्य 50 हजार रुपये प्रति किलोवाट है, जबकि तीन से 10 किलोवाट तक कुल मूल्य 48 हजार 600 रुपये प्रति किलोवाट है। नेट मीटङ्क्षरग का खर्च कुल मूल्य में ही सम्मिलित है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से घरेलू उपभोक्ताओं को एक से तीन किलोवाट तक 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। तीन से 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत अनुदान घरेलू उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार की ओर से इस वित्त वर्ष में ग्रिड से जुड़े सोलर रूफ टाप पावर प्लांट लगाने के लिए घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी चार हजार रुपये से बढ़ाकर छह हजार रुपये प्रति किलोवाट कर दी है।

10 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से बनाने का लक्ष्य

उन्होंने कहा कि सौर जलतापीय संयंत्र 100 लीटर व 200 लीटर क्षमता पर भी प्रदेश सरकार 30 प्रतिशत सब्सिडी घरेलू उपभोक्ताओं को प्रदान कर रही है। हिम ऊर्जा सोलर उपकरणों को प्राथमिकता दी जा रही है। इन उपकरणों ने दुर्गम क्षेत्रों में ग्रामीणों के मध्य अपनी पहचान बनाई है। विभाग की ओर से समय-समय पर जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, इससे इन उपकरणों के प्रति ग्रामीणों का रुझान बढ़ा है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार पन बिजली व कोयला संयंत्रों पर निर्भरता कम कर रही है। सौर ऊर्जा के प्रति उद्यमियों का रुझान बढ़ रहा है। उन्हें प्रोत्साहन पैकेज भी दिए जा रहे हैं। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से प्रदेश में ग्रिड से जुड़े सोलर रूफ टाप पावर प्लांट के लिए 10 मेगावाट का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, इसे हम शीघ्र पूरा कर लेंगे। इससे पहले हिम ऊर्जा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल कुमार ने विभिन्न सोलर उपकरणों के बारे में ऊर्जा मंत्री को अवगत करवाया।


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