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बिलासपुर में रिश्‍वत सहित गिरफ्तार दिल्‍ली के अधिकारी ने मंडी जिला में जांची थी सड़कों की गुणवत्‍ता

Himachal Pradesh Vigilance दो लाख रुपये रिश्वत के मामले में विजिलेंस टीम की ओर से बिलासपुर में पकड़ा गया दिल्ली का अधिकारी मंडी जिला के चार उपमंडलों में सड़कों की जांच कर चुका है। राजस्थान के कोटा के रहने वाले राधेश्याम झाबर को विजिलेंस ने बिलासपुर में पकड़ा था।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 02:04 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 02:04 PM (IST)
बिलासपुर में रिश्‍वत सहित गिरफ्तार दिल्‍ली के अधिकारी ने मंडी जिला में जांची थी सड़कों की गुणवत्‍ता
बिलासपुर में पकड़ा गया दिल्ली का अधिकारी मंडी जिला के चार उपमंडलों में सड़कों की जांच कर चुका है।

मंडी, मुकेश मेहरा। Himachal Pradesh Vigilance, दो लाख रुपये रिश्वत के मामले में विजिलेंस टीम की ओर से बिलासपुर में पकड़ा गया दिल्ली का अधिकारी मंडी जिला के चार उपमंडलों में सड़कों की जांच कर चुका है। राजस्थान के कोटा के रहने वाले राधेश्याम झाबर को विजिलेंस ने शनिवार को बिलासपुर में पकड़ा था। वह राजस्थान लोक निर्माण विभाग से बतौर अधीक्षण अभियंता यानी एसई के पद से सेवानिवृत्‍त हुआ है और वर्तमान में नेशनल क्वालिटी मानीटरिंग में बतौर अधिकारी तैनात है। अब उसके द्वारा जांची गई सड़कों की रिपोर्ट भी संदेह के घेरे में आ गई है।

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राधेश्याम 10 दिन पहले मंडी जिला के सुंदरनगर, मंडी, करसोग और गोहर में सड़कों का निरीक्षण कर गया था। इसमें करसोग की एक सड़क जौंध-शौट के निरीक्षण के दौरान उसने अनसेटिसफाई बताया था। इसके अलावा गोहर की सैगली-ब्रारकटा सड़क का भी निरीक्षण किया था। मंडी और सुंदरनगर में भी दो सड़क मार्गों की जांच की है।

करीब 10 दिन तक वह जिला के इन उपमंडलों में घूमा था। जानकार बताते हैं कि यहां से जाने के दौरान उसने बिलासपुर में भी संबंधित अधिकारियों को बुलाया था। अब विजिलेंस इस जांच में जुटी है कि उसने मंडी में कहीं किसी से कोई सेटिंग तो नहीं की थी।

एसपी विजिलेंस राहुल वैद्य ने बताया कि पुलिस मामले के हर पहलू को खंगाल रही है। मंडी में उक्त अधिकारी किस किस से मिला उसकी भी जांच होगी।

चंडीगढ़ से आने से लेकर रहने तक होती है पूरी सेवा

सूत्र बताते हैं कि केंद्र की ओर से जांच के लिए आने वाले अधिकारियों को चंडीगढ़ से लाने उनके रहने आदि की पूरी व्यवस्था शानदार रहती है। महंगी गाड़ी, बेहतर विश्राम गृह सहित अन्य व्यवस्था भी इनके लिए होती है। बताया जा रहा है कि ऐसे अधिकारियों की आवभगत भी खूब होती है।


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