तर्पण: उपायुक्त संदीप कुमार बोले, मां की शिक्षा को ही बनाया जीवन का कायदा
DC Tribute Her Mother उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने कहा आज मैं जाे कुछ बन सका पूर्वजों के आशीर्वाद से ही बना हूं।
ऊना, जेएनएन। उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने कहा आज मैं जाे कुछ बन सका पूर्वजों के आशीर्वाद से ही बना हूं। पूर्वजों के प्रति मेरी श्रद्धा अटूट रही है और प्रत्येक ऐसे अवसर अथवा शुभ कार्य से पूर्व पूर्वजों का स्मरण जरूर करता हूं। मुझे इससे आत्मबल मिलता है। कई चुनौतियां भी होती हैं, लेकिन उनसे पार पाने में भी यह अदृश्य शक्तियां आपकी सहायता करती हैं। कुछ पल के लिए कल्पना करता हूं, जैसे मुझे मेरे आदर्श क्या संदेश दे रहे हैं। इसका चिंतन करने मात्र से बड़ी से बड़ी दुविधा दूर हो जाती है। यह महज अपने पूर्वजों के प्रति एक सम्मान है और यह परंपरा हमारी पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। अपने पूर्वजों का सम्मान और सच्ची श्रद्धांजलि मात्र यह होती है कि उन्हें याद रखें और उनके बताए गए मार्ग पर आगे बढ़ते चलें।
इनमें से ही मेरी माता दिवंगत चंचला देवी ही मेरी पहली गुरु थीं और उनकी बचपन की शिक्षा को ही मैंने अपने जीवन का कायदा बना लिया। वे बहुत ही सरल स्वभाव की महिला थीं। वह सदा हर किसी की भलाई के लिए तत्पर रहती थीं। उन्हें दिखावा करना पसंद नहीं था। सादा जीवन उच्च विचार की सीख को आदर्श मानकर मैं भी जीवन में उनके कारण ही आगे बढ़ने का प्रयास करता रहा हूं। उनके निधन के बाद भी हम उनके द्वारा बताए हुए सच्चाई ईमानदारी व समाजसेवा के मार्ग पर चल रहे हैं। वे कहती थीं कि दीन-दुखियों व जरुरतमंद लोगों की जितनी सहायता हो सके, वह करते रहने से मनुष्य जीवन का मकसद पूरा होता है। प्रत्येक दिन हमारा परिवार उनके दिए संस्कारों व उनकी बातों को याद कर उन्हें आज भी अपने पास होने का अहसास करते हैं। उनकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती। हमारा परिवार आज जहां है, माता जी के संस्कारों के कारण ही है। आज भी उन्हें याद कर हमारी आंखें नम हो जाती हैं।