कुल्लू के मौहल में सहेजा जा रहा शोध संस्थानों का डाटा
Data Restoration Centre in Kullu देश के हिमालयी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के शोध संस्थानों का डाटा अब गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान मौहल (कुल्लू) में एकत्रित होगा। यहां पर करोड़ों की लागत से हिमालय नालेज नेटवर्क डाटा केंद्र बनाया गया है।
कुल्लू, दविंद्र ठाकुर। Data Restoration Centre in Kullu, देश के हिमालयी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के शोध संस्थानों का डाटा अब गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान मौहल (कुल्लू) में एकत्रित होगा। यहां पर करोड़ों की लागत से हिमालय नालेज नेटवर्क डाटा केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र में डाटा एकत्रित करने का कार्य शुरू हो गया है। नेशनल हिमालय मिशन के तहत गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान मौहल कार्य कर रहा है।
मिशन के तहत भारत सरकार की ओर से गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान को तीन करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसके तहत हिमालय नालेज नेटवर्क डाटा केंद्र में मशीनों को स्थापित कर कार्य शुरू हो गया है। डाटा केंद्र में 10 लाख रुपये से सर्वर लगाया गया है। इस सर्वर से ही सभी जगह का डाटा एकत्रित होगा और इसी से सारा कार्य किया जाएगा। डाटा केंद्र में 16 लाख रुपये के अन्य नेटवर्क उपकरण लगाए गए हैं। इसके लिए वेब डिजाइन करने को लेकर कार्य हो रहा है। डाटा रिकवरी सेंटर भी बनाया गया है। यह सेंटर गोविंद बल्लभ पंत संस्थान मौहल के मुख्यालय अल्मोड़ा (उत्तराखंड) में बनाया गया है। मौहल में यदि किसी कारणवश डाटा डिलीट हो जाए या कोई तकनीकी खराबी आए तो डाटा अल्मोड़ा से रिकवर होगा। मिशन के तहत राज्यों के मुख्य दो-दो मुद्दों पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में जैव विविधता और जल प्रबंधन मुख्य दो मुद्दे हैं जिनकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट को तैयार करने के बाद भारत सरकार को सौंपा जाएगा।
इन राज्यों का डाटा होगा एकत्रित
गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान मौहल में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, असम, बंगाल, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख का डाटा एकत्रित होगा।
नेशनल हिमालय मिशन के तहत मौहल में हिमालय नालेज नेटवर्क डाटा केंद्र तैयार किया गया है। अभी वेबसाइट तैयार हो चुकी है। अन्य कार्य भी जल्द होगा। इसके बाद यहां पर सभी प्रकार का डाटा मिल सकेगा।
-डा. राकेश कुमार सिंह, वरिष्ठ विज्ञानी एवं केंद्र प्रभारी, जीबी पंत संस्थान मौहल (कुल्लू)