प्रधानमंत्री ग्राम आदर्श योजना की ग्रांट के नाम पर व्यक्ित से ठगी, साइबर सेल ने की तुरंत कार्रवाई
Cyber Fraud प्रधानमंत्री ग्राम आदर्श योजना की ग्रांट के नाम पर व्यक्ित से ठगी हो गई। साइबर सेल ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की है।
शिमला, जेएनएन। नमस्कार, मैं बैंक से बोल रहा हूं... आपकी ग्रांट आई है। इसे हासिल करने के लिए कृपया बैंक खाते की डिटेल, ओटीपी चाहिए होगा। इसे दे दो और सात हजार रुपये की ग्रांट ले लो। अज्ञात व्यक्ति के नाम से ऐसा ही फोन किन्नौर के निचार के रहने वाले सुरेंद्र कुमार को आया। वह मोबाइल इस्तेमाल नहीं करते, उन्होंने बेटी से बात करवाई। उसने ग्रांट के चक्कर में अपने पिता के बैंक खाते गोपनीय सूचना भी साझा कर दी। उसे क्या पता फोन करने वाला सरकारी कार्यालय का कर्मचारी या अधिकारी नहीं था बल्कि साइबर ठग था। ग्रांट तो आई नहीं उल्टे ठग बैंक खाते से दस हजार ले उड़े।
पीड़ित व्यक्ति ने इसकी साइबर थाने में शिकायत की है। प्रारंभिक जांच में मोबाइल ट्रेसिंग से पता चला है कि फोन करने वाला ठग पश्चिम बंगाल में रह रहा है। शिकायतकर्ता ने सीआइडी के साइबर सेल से आग्रह किया है कि वह इसका पैसा रिफंड करवाएं।
सीआइडी ने रिफंड करवाए नौ हजार
साइबर सेल ने त्वरित करवाई करते हुए दस हजार में से नौ हजार रिफंड करवाने में कामयाबी हासिल की है। एसपी साइबर क्राइम संदीप धवल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पीएम आदर्श ग्राम योजना समाज के कमजोर तबकों के लिए है। लेकिन अब ठग इस योजना के नाम भी धोखाधड़ी करने पर उतारू हो गए हैं। ग्रांट बिना प्रस्ताव के संभव ही नहीं थी। ठगी की घटनाएं रोकने के लिए एडीजीपी सीआइडी के निर्देश पर साइबर सेल ने एडवायजरी जारी की है। इसमें कई की सावधानियां बरतने को कहा गया है।
सीआइडी ने जारी की एडवायजरी
- ओटीपी शेयर न करें
- यदि ठगी के शिकार होते हैं तो 24 घंटे के अंदर साइबर पुलिस अथवा जिला पुलिस से शिकायत करें, इससे ठगी का पैसा रिफंड करवाने की संभावना ज्यादा रहती है।
- कंप्यूटर या मोबाइल पर सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए मजबूत पासवर्ड रखें। मित्रों का चयन भी सावधानीपूर्वक करें। फेसबुक फ्रेंड बनाते वक्त खास सावधानी बरतें।
- किसी भी लिंक पर आंख मूंद कर क्लिक न करें
- संवेदनशील एवं व्यक्तिगत जानकारी शेयर न करें।