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Night Curfew In Himachal: सरकार ने चार जिलों में लगाया रात्रि कर्फ्यू, RTPCR रिपोर्ट के साथ ही मिलेगा प्रवेश

Night Curfew हिमाचल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने चार जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है। कांगड़ा सोलन सिरमौर व ऊना में बंदिशें सख्त होंगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शीर्ष मंत्रियों व अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 03:22 PM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 10:01 PM (IST)
Night Curfew In Himachal: सरकार ने चार जिलों में लगाया रात्रि कर्फ्यू, RTPCR रिपोर्ट के साथ ही मिलेगा प्रवेश
हिमाचल में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने चार जिलों में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है।

शिमला, जेएनएन। Curfew In Himachal, हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने चार जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है। कांगड़ा, सोलन, सिरमौर व ऊना में बंदिशें सख्त होंगी। रविवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शीर्ष मंत्रियों व अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया है। कांगडा में पहले से बंदिशे लागू हैं अब तीन अन्य जिलों में भी सख्ती बढा दी है। हिमाचल सरकार यदि बिलासपुर जिले में भी रात्रि कर्फ्यू लगा देती तो पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड के साथ राज्य की लगती सीमाएं सील हो जाती और कोरोना के बढ़ते मामलों में तुरंत कमी दर्ज हो सकती थी।

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ओक ओवर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक में चार जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया। सरकार ने रात्रि कर्फ्यू 27 अप्रैल से 10 मई तक लगाने का निर्णय लिया है। इन जिलों में रात्रि कर्फ्यू रात्रि 10 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक रहेगा। इस दौरान राज्य में किसी प्रकार की आवाजाही नहीं होगी। केवल आवश्यक वस्तुओं को लेकर आने वाले वाहन ही प्रदेश में दाखिल हो सकेंगे।

मुख्यमंत्री के निवास पर आयोजित कोविड-19 की समीक्षा बैठक में सामने आया कि 4 जिलों में ही कोरोना संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में रात्रि कर्फ्यू लगाना उपयुक्त रहेगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अलावा संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज, स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल, वन मंत्री राकेश पठानिया, जनजातीय मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना के साथ स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी भी मौजूद थे।

उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि अब राज्य में आने वाले लोगों को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ ही प्रवेश दिया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति रिपोर्ट लेकर नहीं आता है तो ऐसी स्थिति में उसे 14 दिनों तक होम क्वॉरंटाइन रहना पड़ेगा। इस बीच में सात दिनों के बाद टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उस व्यक्ति को होम क्वारंटाइन नहीं रहना पड़ेगा।

पंचायत प्रधान, नगर निगम मेयरों को कानूनी कार्रवाई का अधिकार मिला

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय निकाय अपने-अपने क्षेत्र में मानक संचालन प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों को प्रभावी रूप से लागू करने में शामिल होंगे। उनके पास उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार होगा ताकि कोरोना महामारी को फैलने से रोका जा सके। बैठक में स्थानीय स्तर पर विशेष कार्यदल गठित किए जाने का निर्णय लिया गया ताकि सभी धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक समारोहों के दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। इन दलों को सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रियाओं का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अधिकार होगा।


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