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केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के जदरांगल परिसर की निशानदेही को लेकर विधायक ने दिए सख्‍त निर्देश

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के देहरा व जदरांगल परिसरों के निर्माण के लिए समीक्षा बैठक मंगलवार को धौलाधार परिसर में विधायक विशाल नैहरिया की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान यह बात सामने आई है कि अन्य विभागों ने तो निर्माण कार्य के लिए औपचारिकताएं पूरी की ली हैं

By Edited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 08:48 AM (IST)
केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के जदरांगल परिसर की निशानदेही को लेकर विधायक ने दिए सख्‍त निर्देश
विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला से विधायक विशाल नैहरिया। फाइल फोटो

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के देहरा व जदरांगल परिसरों के निर्माण के लिए समीक्षा बैठक मंगलवार को धौलाधार परिसर में विधायक विशाल नैहरिया की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान यह बात सामने आई है कि अन्य विभागों ने तो निर्माण कार्य के लिए औपचारिकताएं पूरी की ली हैं, लेकिन राजस्व विभाग अभी तक जदरांगल परिसर की निशानदेही नहीं कर पाया है। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने तर्क दिया है कि बारिश और बर्फबारी के कारण निशानदेही नहीं हो पाई है। विधायक ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 28 जनवरी से पहले प्रस्तावित भूमि की निशानदेही का कार्य पूर्ण कर लें।

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विशाल नैहरिया ने कहा कि पहली फरवरी को फिर से सीयू को लेकर समीक्षा बैठक धर्मशाला में होगी। बकौल नैहरिया, अच्छी बात यह है कि सीयू परिसरों का निर्माण करने वाली कंपनी ने डिजाइन तैयार करना शुरू कर दिया है। मुख्य फोक्स यह रखा जा रहा है कि धर्मशाला परिसर का निर्माण पत्थरों व स्लेटों से किया जाए। इसके अलावा 27 जनवरी को आरएम एचआरटीसी कार्यालय धर्मशाला में धर्मशाला बस स्टैंड निर्माण के लिए समीक्षा बैठक होगी।

देहरा परिसर में भारतीय इतिहास पर हुआ वेबिनार

केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थापना सप्ताह 2022 के तहत इतिहास विभाग की ओर से रीविजिटिंग हिस्ट्री : आइडियाज एंड प्रेक्टिस विषय पर मंगलवार को वेबिनार हुआ। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने समसामयिकता और महत्व पर कहा कि भारतीय इतिहास के आयामों पर पुनर्विचार व पुनर्लेखन की आवश्यकता है। वक्ता के रूप में जेएनयू नई दिल्ली से सेवानिवृत्त मध्यकालीन भारत के विद्वान प्रो. दिलबाग सिंह ने कहा कि भारतीय इतिहास को लिखने में पश्चिमी माडल को अपनाना इतिहास के साथ खिलवाड़ है। कहा कि भारतीय स्त्रोतों से भारतीय इतिहास का निर्माण किया जाना चाहिए।


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