Coronavirus: कोरोना संक्रमित हुआ पूर्व सैनिक का परिवार तो 14 साल के बेटे की मदद को आगे आए पड़ोसी
Himachal Coronavirus News बंगाणा में कोरोना वायरस संक्रमित पूरे परिवार का सहारा बने पड़ोसी पूरे देश के लिए मिसाल बने हैं।
बंगाणा (ऊना), जेएनएन। जिला के बंगाणा में कोरोना वायरस संक्रमित पूरे परिवार का सहारा बने पड़ोसी पूरे देश के लिए मिसाल बने हैं। बंगाणा के बौट गांव के एक पूर्व सैनिक के परिवार में 14 साल के बेटे को छोड़ पांच लोग पॉजिटिव पाए गए थे। स्वास्थ्य महकमे की ओर से पूर्व सैनिक को तो कोविड केयर सेंटर में भर्ती करवाया गया था, लेकिन परिवार के अन्य चार लोगों को जिसमें एक 90 साल की बुजुर्ग भी थी, उन्हें होम आइसोलेट किया गया था। पड़ोसियों के सहयोग तथा उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने से कोरोना संक्रमित यह परिवार अब पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है।
बौट गांव की 90 वर्षीय वृद्धा का बेटा सेना से सेवानिवृति के बाद 2 जून को मुंबई से लौटा था। आठ जून को लिए गए सैंपल में उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। 14 जून को बुजुर्ग महिला की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। लेकिन उन्होंने 10 दिन में ही कोरोना को हरा दिया। 24 जून को जब उनका दोबारा टेस्ट किया गया, तो उनकी रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। अब परिवार के सभी पांचों सदस्य पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। परिवार की मुखिया 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने प्रदेश सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और डॉक्टरों की अच्छी देखभाल से मैं और मेरा परिवार कोरोना को मात देने में सफल रहे हैं।
इस परिवार के स्वस्थ होने में पड़ोसियों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा। मदद करने वाले पड़ोसी राजेश बताते हैं कि कोरोना से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। अत: बीमारों की मदद करना भी समाज का ही दायित्व है। पड़ोसी परिवार के जब कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली तो पता चला कि उनका बेटा संक्रमित नहीं हुआ है, तो हमने उसको भोजन का अलग से प्रबंध किया। हम भोजन तैयार करके दीवार पर रखने के बाद उन्हें फोन कर देते थे ताकि बच्चा भोजन प्राप्त कर ले। मदद करते समय पूरी सावधानी बरतते हुए मास्क तथा ग्लव्स का प्रयोग किया, जिससे किसी को कोई परेशानी नहीं हुई।
सीएमओ डॉ. रमण कुमार शर्मा ने कहा कि 90 वर्षीय महिला का कोरोना को मात देना स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी उपलब्धि है। वह कोरोना को मात देने वाली प्रदेश की सबसे उम्र दराज मरीज हैं। अगर मरीज होम क्वारंटीन में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का सहयोग करते हुए नियमों का सही ढंग से पालन करें तो कोरोना को आसानी से हराया जा सकता है। क्वारंटाइन के दौरान संयम और मनोबल बनाए रखने से सकारात्मक वातावरण मिलता है।
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