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रिश्तों को भी निगल रही कोरोना महामारी, अपने ही कर रहे अपनों से किनारा, पढ़ें झकझोर देने वाले मामले

Coorna Swallowing Relationship कोविड-19 के दौर में बेशक इंसानी जिंदगी खतरे में है। अस्पतालों में डाक्टर संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं। उनको आइसोलेशन में भी डाक्टर अपनी निगरानी में रख रहे हैं। लेकिन उन रिश्तों का क्या करें जो कोविड के आते ही छन से जो टूट गए।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 11:51 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 11:51 AM (IST)
रिश्तों को भी निगल रही कोरोना महामारी, अपने ही कर रहे अपनों से किनारा, पढ़ें झकझोर देने वाले मामले
कोविड-19 महामारी के दौर में बेशक इंसानी जिंदगी खतरे में है।

गगरेट, अविनाश विद्रोही। कोविड-19 महामारी के दौर में बेशक इंसानी जिंदगी खतरे में है। अस्पतालों में डाक्टर संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं। उनको आइसोलेशन में भी डाक्टर अपनी निगरानी में रख रहे हैं। लेकिन उन रिश्तों का क्या करें जो कोविड के आते ही छन से जो टूट गए। ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं जब कोविड मरीजों से उनके स्वजन ही किनारा कर रहे हैं। हैरत की बात यह है कि इन मामलों में दूर के रिश्तेदार नहीं बल्कि सगे बेटा-बेटी भी अपने मां-बाप को इस बीमारी में अपने से दूर कर रहे हैं।

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पहला मामला क्षेत्र गगरेट के एक गांव का है। 65 वर्षीय बुजुर्ग पॉजिटिव हो गए तो स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें होम आइसोलेशन में रखने का फैसला लिया क्योंकि उन्हें किसी तरह के लक्षण नहीं थे, लेकिन उनकी बेटी विभाग व पंचायत को बार-बार कह रही है कि इन्हें संस्थागत आइसोलेशन सेंटर में भेजा जाए जबकि बुजुर्ग जाना नहीं चाहते हैं। उन्होंने दो नौकरी की हैं और लगभग 45 हजार पेंशन मिल रही है।

दूसरा मामला हरोली क्षेत्र का है जिसमें आइसलोशन वार्ड में दाखिल एक मरीज की हालात खराब होने पर विभाग के कर्मियों ने पहले मरीज के बेटे को फोन किया कि आपको इनकी देखभाल के लिए आना होगा, लेकिन उसने आने से मना कर दिया। तब मरीज ने कहा कि आप मेरी बेटी को बोलो, वह जरूर आ जाएगी। लेकिन बेटी ने भी यह कहकर साफ मना कर दिया कि मुझे पॉजिटिव नहीं होना, मेरे भी बच्चे हैं। अब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ही उस मरीज की देखभाल कर रहे हैं।

तीसरा मामला जिला मुख्यालय के पास के एक गांव का है। एक व्यक्ति को पॉजिटिव होने पर विभाग ने होम आइसोलेट कर दिया। अब उनके पड़ोसी रोज शिकायत कर रहे हैं कि ये लोग कंटेनमेंट जोन से बाहर निकल रहे हैं, इनके खिलाफ कार्रवाई करो। जब विभाग के लोग चेक करते हैं तो वह मरीज घर के अंदर ही मिलते हैं। उस मरीज ने फिर स्वास्थ्य कर्मियों से पूछा कि आप मेरा इतना ख्याल क्यों रख रहे हैं जबकि मैं ठीक हूं तो विभाग ने बताया कि हम आपका ख्याल नहीं रख रहे, आपके खिलाफ शिकायत आ रही है। जब मरीज को पता चला कि शिकायत कौन कर रहा है तो उसने बताया कि उसके साथ पड़ोसियों का जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, इसलिए वह शिकायत कर रहे हैं।

शारीरिक दूरी बनाएं लेकिन सामाजिक दूरी नहीं

बेशक कोविड-19 एक जानलेवा बीमारी है और हमें जितना हो सके इससे बचाव के लिए बनाए तमाम सुरक्षा नियमों का पालन करना है। लेकिन हमें यह भी याद रखना होगा कि आपसी सहयोग से हमें इस बीमारी से पार पाना है। शारीरिक दूरी बनाकर रखनी है, सामाजिक दूरी नहीं।


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