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चोरी छिपे लौटे कामगारों ने बढ़ाया हिमाचल में कोरोना का ग्राफ, औद्योगिक नगरी में मंडराया ज्‍यादा खतरा

Himachal Coronavirus News बिहार उत्‍तर प्रदेश और झारखंड राज्‍य से हिमाचल प्रदेश में चोरी छिपे दाखिल होने वाले कामगारों ने कोरोना का ग्राफ अचानक बढ़ा दिया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 05:45 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 08:25 AM (IST)
चोरी छिपे लौटे कामगारों ने बढ़ाया हिमाचल में कोरोना का ग्राफ, औद्योगिक नगरी में मंडराया ज्‍यादा खतरा
चोरी छिपे लौटे कामगारों ने बढ़ाया हिमाचल में कोरोना का ग्राफ, औद्योगिक नगरी में मंडराया ज्‍यादा खतरा

सोलन, सुनील शर्मा। बिहार, उत्‍तर प्रदेश और झारखंड राज्‍य से हिमाचल प्रदेश में चोरी छिपे दाखिल होने वाले कामगारों ने कोरोना का ग्राफ अचानक बढ़ा दिया है। लेबर ठेकेदारों द्वारा बाहर से आने वाले लोगों की मदद की जा रही है, जिससे कंपनी में बिना शर्तें पूरे किए बगैर ही कामगार काम पर लौट रहे हैं। यही वजह बन सकती है कि जल्‍द ही प्रदेश का पूरा औद्योगिक क्षेत्र एक बार फ‍िर कंटेनमेंट में शामिल होगा। नौ जुलाई को नालागढ़ के भाटिंया क्षेत्र में स्थित सारा टैक्‍सटाइल कंपनी में भी बिहार और झारखंड से कर्मचारी चोरी छ‍िपे सीमा लांघ कर ह‍िमाचल में दाखिल हो गए। वह दोनों ही लोग कोरोना के पॉजटिव पाए गए और उनके संपर्क में आए 29 लोग एक साथ कोरोना पाॅजट‍िव हो गए हैं। हालांकि अभी उनके संपर्क में आने वाले लोगों की फेहरिस्‍त लंबी है। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1171 हो गया है।

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जिला व स्‍वास्‍थ्‍य प्रशासन अब तक उनके संपर्क में आए लोगों की तालाश में जुटा है। यह इस कंपनी का पहला मामला नहीं बल्कि और भी कई कंपनियों में इस तरह चोरी छिपे अपने कामगारों को वापस बुलाने के मामले सामने आ चुके हैं। गौर हो कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन ने तो बेरोजगारी की मार व अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उद्योग हित में एसओपी की व्यवस्था की थी, लेकिन बाहरी राज्यों के मजदूर इनका पालन नहीं कर रहे हैं और सीधा काम पर लौटना चाहते हैं। अब जिला प्रशासन का यह फैसला स्‍थानीय लोगों व प्रशासन पर स्‍वयं भारी पड़ता जा रहा है।

यहां आ चुके मामले

औद्योगिक क्षेत्र में सारा टैक्सटाइल के साथ साथ अब तक सन फार्मा झाड़माजरी, बद्दी का लोहा उद्योग का कर्मचारी जो हरियाणा से आए थे, नालागढ़ की धागा मिल, कौंडी की विनसम धागा मिल, रिगले उद्योग और सुनोक्स उद्योग में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। इनमें कामगार बाहर से आए और बिना किसी जानकारी और कोविड टेस्ट के सीधा काम पर जुट गए। इन लोगों के कारण उक्त सभी उद्योगों को अब बंद करना पड़ा है। हालांकि पुलिस विभाग ने उक्त सभी लोगों व उद्योगों पर भी मामले दर्ज किए हैं।

कोरोना टेस्‍ट जरूर हो : सुरेंद्र अत्री

राष्ट्रीय मजदूर संघ के प्रवक्ता सुरेंद्र अत्री का कहना है कि अगर बाहर से आने वाले कामगारों को क्‍वारंटाइन नहीं भी करना है और सीधे डयूटी पर लेना है तो उनका पहले कोविड टेस्ट अनिवार्य होना चाहिए और यह जिम्मा कंपनियों का होना चाहिए।

टेस्‍ट के बाद ही मिले हिमाचल में एंट्री

औद्योगिक सलाहकार सुमित शर्मा ने कहा कि उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों को बार्डर पर तभी एंट्री मिले जब वे पीछे से टेस्ट करवा कर आएं। अगर वे यहां आते हैं तो उनको दो दिन के लिए क्‍वारंटाइन सेंटर में रखा जाए और टेस्ट लेकर व नेगेटिव के आने बाद ही संबधित उद्योग में भेजा जाए। गोवा सरकार ने भी यही प्रावधान किया है।

नियमों का उल्‍लंघन किया तो कार्रवाई : डीसी

डीसी सोलन केसी चमन ने कहा कोई भी उद्यमी अगर सीधे कामगार को ड्यूटी पर लेता है तो एसओपी के अनुसार नियम पूरे करें। कोरोना टेस्ट करवाकर और रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही किसी भी कर्मचारी को ड्यूटी पर लिया जाए। यही सबके हित में है। नियम तोड़ने वाले उद्योगों पर कार्रवाई की जाएगी।


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