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कोरोना का मामला आने के 72 घंटे बाद भी सैनिटाइज नहीं किया बिलासपुर शहर, बाजार में पहुंचा था संक्रमित

एचआरटीसी के कंडक्टर को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए किए जाने वाले तमाम एहतियाती इंतजाम में प्रशासन पिछ़ड़ गया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 01:17 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 01:17 PM (IST)
कोरोना का मामला आने के 72 घंटे बाद भी सैनिटाइज नहीं किया बिलासपुर शहर, बाजार में पहुंचा था संक्रमित
कोरोना का मामला आने के 72 घंटे बाद भी सैनिटाइज नहीं किया बिलासपुर शहर, बाजार में पहुंचा था संक्रमित

बिलासपुर, जेएनएन। एचआरटीसी के कंडक्टर को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए किए जाने वाले तमाम एहतियाती इंतजाम में प्रशासन पिछ़ड़ गया है। अब शहर को तुरंत प्रभाव से सैनिटाइज करने के मामले में भी कोताही बरती है। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के बिलासपुर शहर में कई जगह पर जाने का खुलासा होने के बावजूद उन तमाम जगह को सैनिटाइज नहीं किया गया है। इस घटना को करीब 72 घंटे बीत आने के बाद भी कंटेनमेंट जोन को सैनिटाइज नहीं किया जा सका है।

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बताया जा रहा है प्रशासन के पास सैनिटाइजेशन के लिए पर्याप्त मात्रा में हाइपोक्लोराइट ही नहीं था जब सैनिटाइजेशन के लिए अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने प्रशासन से हाइपोक्लोराइट का प्रबंध करने के लिए कहा तो प्रशासन ने इधर उधर से कुछ हाइपोक्लोराइट की मात्रा उपलब्ध करवाई। इसके बाद अग्निशमन विभाग ने कोरोना पॉजिटिव पाए गए कंडक्टर के घर के आसपास कुछ जगह सैनिटाइजेशन की। जबकि अभी तक शहरी क्षेत्र में एक लंबा-चौड़ा इलाका सैनिटाइजेशन के लिए पड़ा हुआ है।

अग्निशमन अधिकारी सुभाष मिश्रा ने कहा प्रशासन ने उन्हें कुछ मात्रा में हाइपोक्लोराइट दिया था जो एक मोहल्ले के लिए भी काफी नहीं है। पूरे क्षेत्र को सैनिटाइजेशन करने के लिए लगभग 1000 लीटर न्यूनतम मात्रा हाइपोक्लोराइट चाहिए।

बुधवार रात करीब 9 बजे जिला प्रशासन के पास रिपोर्ट पहुंच चुकी थी कि एचआरटीसी कंडक्टर संक्रमित पाया गया है व यह कई जगह पर पहुंचा था। लेकिन इस संबंध में एहतियाती कदम वीरवार सुबह दस बजे के बाद शुरू हुए। इस बीच जब जिला अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर सर्जन ने अपनी फेसबुक आइडी से खुलासा किया कि पॉजिटिव पाया गया एचआरटीसी कंडक्टर जिला अस्पताल में उनसे इलाज करवाने के लिए आया था और उसने उनसे अपनी ट्रेवल हिस्ट्री छिपाई थी तथा वह होम क्वारंटाइन भी नहीं था। इसके बाद जिला प्रशास व स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े हुए और आनन-फानन में शहर को सील करने की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि उपायुक्त राजेश्वर गोयल का तर्क है कि उन्हें इस बारे में जानकारी ही सुबह मिली थी।


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