Coronavirus In Kangra: नर्सिंग कॉलेज के बाद करमापा मठ में कोरोना संक्रमण का कहर
फरवरी के दूसरे सप्ताह के बाद पहले पालमपुर में नर्सिंग कॉलेज में एकाएक कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े और यहां की प्रशिक्षु नर्सें संक्रमित पाई गई। इसके बाद 25 फरवरी से करमापा बौद्ध मठ में बौद्ध भिक्षु संक्रमित पाए जा रहे हैं।
धर्मशाला, मुनीष गारिया। प्रदेश समेत कांगड़ा जिले में जनवरी की शुरुआत में कोरोना संक्रमण के मामले थमने लगे थे। धीरे-धीरे सक्रिय मामले कम हो रहे थे और फरवरी की शुरुआत में तो यह संख्या बहुत ही कम हो गई थी। फरवरी के दूसरे सप्ताह के बाद पहले पालमपुर में नर्सिंग कॉलेज में एकाएक कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े और यहां की प्रशिक्षु नर्सें संक्रमित पाई गई। इसके बाद 25 फरवरी से करमापा बौद्ध मठ में बौद्ध भिक्षु संक्रमित पाए जा रहे हैं। जिले में बढ़ते कोरोना के मामलों ने फिर से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। रविवार को सिद्धबाड़ी स्थित करमापा बौद्ध मठ के 22 बौद्ध भिक्षुओं समेत जिलेभर में 26 लोग वैश्विक महामारी की चपेट में आए हैं।
मठ में हैं 350 अनुयायी व स्टाफ सदस्य
मठ में 25 फरवरी से लगातार कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं। अभी तक यहां के 59 लोग वैश्विक महामारी की चपेट में आ चुके हैं। मठ में करीब साढ़े तीन सौ बौद्ध अनुयायी व स्टाफ सदस्य रहते हैं। इनमें से 150 से अधिक लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं, जबकि शेष के लेने बाकी हैं। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी सैंपल लिए थे।
जिले में 116 हुए सक्रिय मामले
फरवरी के शुरुआती दिनों से जिले में कोरोना के हर रोज अनुपातिक छह मामले आ रहे थे और रिकवरी दर भी ठीक थी। छह फरवरी तक सक्रिय मामलों की संख्या 57 रह गई थी। 10 फरवरी को पालमपुर स्थित नर्सिंग कॉलेज की प्रशिक्षु नर्सें कोरोना संक्रमित हुई थीं। कॉलेज में 45 से ज्यादा नर्सें वैश्विक महामारी की चपेट में आई थीं। इसके बाद 18 फरवरी से स्थितियां फिर सामान्य होने लगी और 21 फरवरी तक जिले में सक्रिय मामले 45 ही रह गए थे। 25 फरवरी से करमापा मठ के अनुयायियों के संक्रमित होने के बाद अब जिले में सक्रिय मामलों की संख्या 116 पहुंच गई है।
कंटेनमेंट जोन बनाया है बौद्ध मठ
25 और 26 फरवरी को मठ के अनुयायियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद एसडीएम धर्मशाला डा. हरीश गज्जू ने मठ परिसर को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। इसके अलावा बाघनी पंचायत के वार्ड तीन को बफर जोन बनाया है। मठ परिसर 10 मार्च तक कंटेनमेंट जोन रहेगा।