कोरोना महामारी ने रोका कांगड़ा में पोषण अभियान, बच्चों व महिलाओं तक नहीं पहुंच रहा पौष्टिक आहार
Nutrition Campaign कोविड-19 ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से चलाए जाने वाले पोषण अभियान के कदम रोक दिए हैं। हालांकि पंचायतों की आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को पोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा है
धर्मशाला, राजेंद्र डोगरा। कोविड-19 ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से चलाए जाने वाले पोषण अभियान के कदम रोक दिए हैं। हालांकि पंचायतों की आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को पोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा है और दैनिक जीवन में पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है, लेकिन मौजूदा समय में अनीमिया को लेकर लिए जाने वाले टेस्ट विभाग की ओर से नहीं हो पा रहे हैं। जिस कारण विभागीय अधिकारी भी पशोपेश की स्थिति में हैं कि आखिर अभियान को शुरू किया जाए या नहीं, क्योंकि फिर से कोरोना महामारी संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में विभागीय अधिकारी भी किसी प्रकार का कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को पोषण अभियान के तहत जागरूक करते हुए उन्हें रोजाना पौष्टिक आहार लेने की सलाह जारी की है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाए जाने वाले पोषण अभियान के तहत जहां महिलाओं को और उन्हें अपने बच्चों को पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी जाती है, वहीं उनके टेस्ट भी किए जाते हैं, ताकि ये पता चल सके कि वह शारीरिक रूप से पूर्णतया स्वस्थ हैं या नहीं।
उधर, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी कांगड़ा रणजीत सिंह के मुताबिक कोविड-19 के चलते पोषण अभियान को फिलहाल रोक दिया गया है। हालांकि वर्करों को हिदायत जारी की गई है कि वह अपने क्षेत्र की महिलाओं को पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें कोरोना महामारी से बचाव के प्रति जागरूक करते हुए शारीरिक दूरी के साथ-साथ मास्क पहनने के प्रति भी जागरुक करें।