मूल्यांकन केंद्र की बजाय घर से पेपर चेकिंग की तैयारी, हिमाचल सरकार ने शिक्षा बोर्ड से मांगा प्रस्ताव
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार अब बोर्ड कक्षाओं के मूल्यांकन के कार्य में बदलाव करने की तैयारी में है।
शिमला, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार अब बोर्ड कक्षाओं के मूल्यांकन के कार्य में बदलाव करने की तैयारी में है। पेपरों की चेकिंग मूल्यांकन केंद्रों में करवाने के बजाय घरों से करवाई जा सकती है। राज्य सरकार ने इसको लेकर हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से प्रस्ताव मांगा है। इसमें पूछा गया है कि क्या मूल्यांकन केंद्रों के बजाय शिक्षक घरों से पेपर चेक कर सकते हैं। क्या मूल्यांकन केंद्रों में इतनी जगह है कि शिक्षकों को एक हाॅल में बिठाने के बजाय एक कमरे में तीन से चार शिक्षकों को ही बिठाया जाए।
यदि घरों में मूल्यांकन कार्य करने की अनुमति दी जाती है तो पेपर चेकिंग की सुरक्षा पर इसका कोई प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। बीते रोज आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। राज्य सरकार ने कोरोना के खतरे को देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित किया हुआ है। हर तरह के कार्यक्रमों और बैठकों को रद कर दिया गया है। सरकार ने शारीरिक दूरी बनाने के निर्देश दिये हैं।
14 अप्रैल को लाॅकडाउन समाप्त होगा। मूल्यांकन केंद्र में 20 से 30 के करीब शिक्षक एक साथ बैठते हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। इसे देखते हुए सरकार ने स्कूल शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिये हैं कि वे इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजे।
बीते रोज राज्य सरकार ने हिमाचल के ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में गैर बोर्ड कक्षाओं के छात्रों को लेकर सरकार में बड़ा फैसला लिया था। इसके तहत बिना परीक्षा परिणाम घोषित किए इन कक्षाओं के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा। कक्षा 1 से 4 व कक्षा 6, 7, 9, औऱ 11वी के छात्र सीधे अगली कक्षा में प्रमोट हो जाएंगे। सीबीएसई सहित देश के कई अन्य राज्यों ने भी इसी तरह का निर्णय लिया है।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड से इसको लेकर प्रस्ताव मांगा गया है। बोर्ड से प्रस्ताव आने के बाद ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी पेपरों के मूल्यांकन के लिए प्रर्याप्त समय है।