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पौंग झील में कारमोरेंट पक्षी की दस्तक

कारमोरेंट प्रजाति के प्रवासी पक्षियों ने पौंग झील के आसपास पीपल के पेड़ों पर स्थायी बसेरा बना लिया है।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 10:05 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 10:06 AM (IST)
पौंग झील में कारमोरेंट पक्षी की दस्तक
पौंग झील में कारमोरेंट पक्षी की दस्तक

नगरोटा सूरियां, रक्षपाल धीमान। कारमोरेंट प्रजाति के प्रवासी पक्षियों से पौंग झील की रौनक बढ़ने लगी है। पक्षियों ने पौंग झील के आसपास पीपल के पेड़ों पर स्थायी बसेरा बनाना शुरू किया है। पक्षी विशेषज्ञों का मानना है कि झील में कॉरमोरेंट की दस्तक प्रवासी पक्षियों के शीघ्र आगमन का संकेत भी है। वन्य प्राणी विंग भी इस बार झील में प्रवासी पक्षियों के जल्द आने की संभावना जता रहा है।

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बांबे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी के पक्षी विशेषज्ञ डॉ. एस वालाचंद्रन का कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ ही प्रवासी पक्षी पौंग झील को बसेरा बनाकर पानी में अठखेलियां शुरू कर देते हैं। पौंग झील में साइबेरिया, रूस, चीन व इंडोनेशिया से हर साल प्रवासी पक्षी अक्टूबर में आना शुरू होते हैं और मार्च तक झील में कलोलों से पर्यटकों को रिझाते हैं। अभी तक 3000 के करीब कारमोरेंट प्रजाति के प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं। इस बार डेढ़ लाख से भी अधिक पक्षियों के पहुंचने का अनुमान है। हिमाचल में 15 नवंबर से पर्यटन सीजन शुरू होता है। विभाग का कहना है कि इस बार पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटन सीजन शुरू होने से पहले नगरोटा सूरियां में निर्माणाधीन पांच मंजिला पर्यटक सूचना केंद्र का निर्माण पूरा कर आधुनिक सुविधाओं से लैस कर दिया जाएगा, जबकि खब्बल गांव में पर्यटकों को ठहराने के लिए पर्यटन हट बन कर तैयार हैं। पौंग झील का नजदीक से नजारा देखने के लिए झील के किनारे पर्यटक टेंट भी लगाए गए हैं।

पौंग झील में कॉरमोरेंट की दस्तक

शुभ संकेत है। अनुमान है कि इस बार झील में अन्य प्रजातियों के प्रवासी पक्षी भी सितंबर के अंतिम सप्ताह तक बसेरा बनाना शुरू कर देंगे। इन पक्षियों को देखने आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए वन्य प्राणी विंग ने उनके रहने और खान-पान की सुविधा मुहैया करवाने के पुख्ता बंदोबस्त कर लिए हैं। मौसम ने अगर साथ दिया तो झील में इस बार जनवरी तक प्रवासी पक्षियों की तादाद डेढ़ लाख से भी ऊपर पहुंचने का अनुमान है। बीते साल पौंग झील में एक लाख 12 हजार प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी दर्ज की गई थी। 

-कृष्ण कुमार, डीएफओ, वन्य प्राणी विंग, हमीरपुर।


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