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मनकोटिया बोले, मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ गई, किसान के खाते में भी आ रहे पैसे, अब प्रमाण पत्र के लिए आय सीमा बढ़ाएं

Congress Leader Surender Mankotia पूर्व कामगार एवं कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह मनकोटिया ने कहा मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ गई और ग्रामीणों को कृषि के तहत छह हजार रुपये सालाना आ रहे हैं। लेकिन आय प्रमाण पत्र बनबाने के लिए 35 हजार इनकम को सरकार ने नहीं बढ़ाया।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 12:32 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 12:32 PM (IST)
मनकोटिया बोले, मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ गई, किसान के खाते में भी आ रहे पैसे, अब प्रमाण पत्र के लिए आय सीमा बढ़ाएं
पूर्व कामगार एवं कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह मनकोटिया

डाडासीबा, संवाद सहयोगी। पूर्व कामगार एवं कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह मनकोटिया ने कहा मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ गई और ग्रामीणों को कृषि के तहत छह हजार रुपये सालाना आ रहे हैं। लेकिन आय प्रमाण पत्र बनबाने के लिए 35 हजार इनकम को सरकार ने नहीं बढ़ाया। यह कम से कम 70 हजार रुपये की जाए क्योंकि हर परिवार की इनकम बढ़ चुकी है। इसलिए इनकम की रेंज को 35 हजार से बढ़ाकर 70 हजार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी तहसीलदार 35 हजार से कम इनकम सर्टिफिकेट नहीं बना रहा। परिणामस्वरूप तहसीलों में प्रतिदिन झगड़े हो रहे हैं। जिनको मकान बनाने की मंजूरी मिल गई है उनकी भी सालाना आय 35 हजार ही रखी गई है। जिन गरीबों को मकान की राशि मंजूर हुई है, उनको भी नए सिरे से इनकम सर्टिफिकेट बनाने के लिए कहा जा रहा है और इनकम सर्टिफिकेट में 35 हजार से कम राशि होनी चाहिए।

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मनकोटिया ने कहा महंगाई आसमान छू रही है। लगभग सभी वस्तुओं के रेट बढ़ गए हैं। पहले गैस सिलेंडर 350 रुपये से भरा जाता था आज इसके रेट एक हजार के करीब हैं। वहीं सब्सिडी के नाम पर भी बहुत कम राशि उपभोक्ताओं को मिल रही है। आलम यह है कि प्रदेश सरकार महंगाई पर लगाम लगाने में नाकाम रही है।

इनकम सर्टिफिकेट नहीं बन रहे, इसलिए गरीब परिवारों को सहायता नहीं मिल रही, पटवारी और तहसीलदार के साथ झगड़े हो रहे हैं। सुरेंद्र मनकोटिया ने कहा कि गरीब आदमी और रेवन्यू डिपार्टमेंट अपनी जगह सही है। इसलिए लाजिमी है कि सरकार को चाहिए कि इनकम सर्टिफिकेट बनबाने के लिए इनकम 35 हजार से 70 हजार के करीब की जाए, ताकि गरीब परिवारों को लाभ मिल सके।


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