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कांग्रेस नेता बोले, मुख्‍यमंत्री कर्मचारी हितैषी नहीं, जेसीसी बैठक कर्मचारियों को नहीं हुआ कोई फायदा

Congress Leader target Govt कांग्रेस नेता एवं कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष ठाकुर सुरिंद्र सिंह मनकोटिया ने कहा अभी हाल ही में हुई जेसीसी बैठक का कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं हुआ है। मनकोटिया ने मुख्यमंत्री पर कर्मचारी हितैषी न होने का आरोप लगाया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 02:25 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 02:25 PM (IST)
कांग्रेस नेता बोले, मुख्‍यमंत्री कर्मचारी हितैषी नहीं, जेसीसी बैठक कर्मचारियों को नहीं हुआ कोई फायदा
कांग्रेस नेता एवं कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है।

परागपुर, संवाद सूत्र। Congress Leader target Govt, कांग्रेस नेता एवं कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष ठाकुर सुरिंद्र सिंह मनकोटिया ने कहा अभी हाल ही में हुई जेसीसी बैठक का कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं हुआ है। मनकोटिया ने मुख्यमंत्री पर कर्मचारी हितैषी न होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा जिस छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। उसमें तो पहले ही पांच साल का विलंब हो चुका है। सुरिंद्र सिह मनकोटिया का आरोप है मुख्यमंत्री की ओर से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू न कर सिर्फ 2009 की नोटिफिकेशन को मानकर कर्मचारियों के हितों के साथ कुठाराघात किया है। 2009 की नोटिफिकेशन तो ओल्ड पेंशन स्कीम का ही एक हिस्सा है।

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हजारों आउटसोर्स कर्मचारी जो  सरकारी कर्मचारी के बराबर काम करते हैं, इसके लिए कोई नीति न लाकर सरकार ने कर्मचारी हितैषी न होने का प्रमाण दिया है। सरकार ने मकान भत्ता, कंपनसेटरी भत्ता, कैपिटल भत्ता, ट्राइबल भत्ता, विंटर भत्ता, दैनिक भत्ता आदि कई भत्तें हैं जो पिछले चार साल से नहीं बढ़े हैं उन पर कोई बात न करके कर्मचारियों में निराशा पैदा की है। करुणामूल्क आधार पर नौकरी पाने वाले लगभग 4500 युवा लगभग 80 दिन से हड़ताल पर चल रहे हैं, इसके बारे में कोई पालिसी न लाकर सरकार बहरी बनी हुई है।

सुरिंद्र सिह मनकोटिया का आरोप है कि रात दिन लोगों की सुरक्षा व्‍यवस्था का जिम्मा संभालने वाली पुलिस को सरकार ने इनकी आठ साल की अवधि को दूसरे समकक्ष कर्मचारियों के बराबर कम न करके पुलिस वर्ग में निराशा पैदा की है और यह निराशा पुलिस कर्मियों के मुख्यमंत्री से मिलने से भी झलक रही है। 4-9-14  वर्ष बाद मिलने वाली वेतन वृद्धि जैसी जटिल समस्या को सरकार हल नहीं कर पाई है, जिससे हजारों कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है।

इसके अलावा सरकार ने होमगार्ड, पैरा पंप आपरेटर, पैराफिटर, सिलाई अध्यापक, पंचायत चौकीदार, एसएमसी टीचर, आंगनबाड़ी वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर, आशा वर्कर, एससीवीटी लैब तकनीशियन, अध्यापक, पीस मील वर्कर्स आदि बहुत सी ऐसी  श्रेणियां हैं, जिनके प्रति मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का रवैया उदासीन रहा है, जबकि ये श्रेणियां कई सालों से पिस रही हैं।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चार साल में सिर्फ एक जेसीसी कर उस मांग छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को माना, जिसका फर्ज और दायित्व पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह ने आइआर की किस्तें अपने मुख्यमंत्री काल में ही दे कर निभा चुके थे। जो कॉन्ट्रेक्ट पीरियड तीन साल से दो साल किया है वह भाजपा के 2017 के विजन डाक्यूमेंट में किया गया वादा था। उसी को पूरा करने में भाजपा ने चार साल का विलंब कर दिया। जिससे हजारों कर्मचारियों को नुकसान हुआ।


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