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स्‍वास्‍थ्‍य उपकरण खरीद फरोख्‍त मामले की हाईकोर्ट के सिट‍िंग न्‍यायाधीश से करवाई जाए जांच : कांग्रेस

Health Department Scam कांग्रेस पार्टी ने जिलाधीश कांगड़ा के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 04:02 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 04:02 PM (IST)
स्‍वास्‍थ्‍य उपकरण खरीद फरोख्‍त मामले की हाईकोर्ट के सिट‍िंग न्‍यायाधीश से करवाई जाए जांच : कांग्रेस
स्‍वास्‍थ्‍य उपकरण खरीद फरोख्‍त मामले की हाईकोर्ट के सिट‍िंग न्‍यायाधीश से करवाई जाए जांच : कांग्रेस

धर्मशाला, जेएनएन। कांग्रेस पार्टी ने जिलाधीश कांगड़ा के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है। कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग में हुई खरीदारी और ऑर्डर सप्लाई की जांच हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के सिटिंग न्यायाधीश से करवाई जाए, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। प्रदेश सरकार के मुखिया होने से अप्रत्यक्ष रूप से जांच को प्रभावित कर सकते हैं। मामले में सरकार श्वेत पत्र जारी नहीं कर रही है, जबकि कांग्रेस बार-बार मांग कर रही है।

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प्रवक्ता जितेंद्र शर्मा, प्रदेश सचिव देविंद्र जग्गी, कांगड़ा चंबा संसदीय क्षेत्र के अध्यक्ष विजय इंद्र करण ने कहा कांग्रेस पार्टी इस ज्ञापन द्वारा यह भी मांग रखती है कि जब से जयराम सरकार का गठन हुआ है, तब से स्वास्थ्य महकमे में हुई हर खरीद और ऑर्डर की जांच करवाई जाए। कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार को कांग्रेस पार्टी ने पूरा समर्थन दिया और आम जनता ने भी सरकार के कोष में अंशदान दिया, ताकि सरकार इस महामारी से निपटने में किसी प्रकार की कोई कमी महसूस न करें।

प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड महामारी के दौरान पीपीई किट और अन्य स्वास्थ्य उपकरणों की खरीदारी के लिए सप्लाई ऑर्डर जारी किए गए। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो ऑर्डर जारी हुए, उनमें काफ़ी मात्रा में भ्रष्टाचार हुआ। स्वास्थ्य भूभाग के निदेशक और ऑर्डर सप्लायर के बीच लेने देने बारे एक ऑडियो सीडी के माध्यम से यह मामला सामने आया।

इसकी वजह से हिमाचल प्रदेश पूरे विश्व में खबरों में ग़लत प्रकरण के  लिए चर्चित रहा। पांच लाख रुपये की रिश्वत के मामले में  न केवल स्वास्थ्य निदेशक और ऑर्डर सप्लायर की गिरफ़्तारी हुई, बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा। इस घोटाले की आंच कहीं न कहीं उन पर भी सवाल कर रही थी। स्वास्थ्य विभाग को मुख्यमंत्री जयराम, स्वयं देख रहे थे, इसलिए इस घोटाले से वह अपनी जिम्‍मेदारी से बच रहे हैं।


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