संवेदनाएं भूला समाज, आगे आए अधिकारी
संवाद सूत्र ज्वालामुखी कोरोना संकट में समाज संवेदनाएं भूल रहा है जबकि अधिकारी अपने कर्तव्य से
संवाद सूत्र, ज्वालामुखी : कोरोना संकट में समाज संवेदनाएं भूल रहा है, जबकि अधिकारी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हट रहे हैं। कहीं कोरोना से किसी की मौत हो जाए तो अर्थी को उठाने के लिए चार कंधे तक नहीं मिल रहे हैं लेकिन अधिकारी आगे आ रहे हैं।
ज्वालामुखी के वार्ड एक में 66 वर्षीय महिला की कैंसर व कोरोना से संक्रमित होने से मौत हो गई। परिवार वाले परेशानी में आ गए जब आस-पड़ोस के लोगों ने अर्थी को कंधा देने व अंतिम संस्कार से किनारा कर लिया। इसका पता चलने पर एसडीएम धनवीर ठाकुर व डीएसपी तिलकराज उनके घर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और अर्थी को कंधा देने के लिए तैयार रहे। इस दौरान नगर परिषद के कर्मचारी भी वहां पहुंच गए और अर्थी को उठाकर श्मशानघाट तक पहुंचाया। यहां कोविड नियमों के तहत महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
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ऐसे मौकों पर लोग संवेदनहीन हो रहे हैं। महामारी ने पूरे तंत्र को बड़ा झटका दिया है। इसके बावजूद लोगों की नीयत नहीं सुधरी। बुरा वक्त किसी को भी आ सकता है। मुझे जानकारी मिली थी कि एक महिला की अर्थी को उठाने के लिए चार कंधे नहीं हैं। मैं डीएसपी तिलकराज के साथ मृतका के घर गया और दोनों ने अर्थी को कंधा देने की बात कही। लोग डरे नहीं और हर किसी की सहायता के लिए आगे आएं।
-धनवीर ठाकुर, एसडीएम ज्वालामुखी