Move to Jagran APP

एमएसएमइ और स्वावलंबन योजना के लिए सहयोग नहीं कर रहे बैंकर्स

संवाद सहयोगी धर्मशाला सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम (एमएसएमइ) की जून 2020 में परिभाषा बदली है। यह बात

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 09:03 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 09:03 PM (IST)
एमएसएमइ और स्वावलंबन योजना के लिए सहयोग नहीं कर रहे बैंकर्स
एमएसएमइ और स्वावलंबन योजना के लिए सहयोग नहीं कर रहे बैंकर्स

संवाद सहयोगी, धर्मशाला : सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम (एमएसएमइ) की जून, 2020 में परिभाषा बदली है। यह बात प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी प्रचार-प्रसार अभियान के प्रदेश मुख्य सलाहकार भूपराम वर्मा ने धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि उन्हें शिकायतें मिली हैं कि एमएसएमइ और स्वावलंबन योजना के तहत बैंकर्स पात्र लोगों को सहयोग नहीं कर रहे हैं। जहां से भी ऐसी शिकायतें मिल रही हैं, शीघ्र ही उनकी सूची तैयार करवाई जाएगी तथा संबंधित क्षेत्रों में प्रमुख बैंकों के महाप्रबंधकों से बैठकें की जाएंगी।

loksabha election banner

जो बैंकर्स पात्र बेरोजगारों को ऋण के मामले में सहयोग नहीं कर रहे हैं, उनकी शिकायत केंद्र सरकार और आरबीआइ से भी की जाएगी। इसके अतिरिक्त ऐसे मामलों को मुख्यमंत्री व उद्योग मंत्री से भी उठाया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश की आबादी लगभग 138 करोड़ है, जिसमें से 7.7 फीसद बेरोजगार हैं, वहीं प्रदेश की बात करें तो जनसंख्या लगभग 68 लाख है, जिसमें 20 फीसद आबादी बेरोजगार है। पात्रों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए पीएम की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। कोविड-19 के बावजूद केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी प्रचार-प्रसार अभियान के तहत लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर शेष 10 दिन में जिला कार्यकारिणी गठित कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा कार्यकारिणी बेहतर कार्य कर रही है। इस अवसर पर अभियान के जिला कांगड़ा अध्यक्ष भोला राम सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.