कमर्शियल व्हीकल ऑपरेटर्स यूनियन ने किया हड़ताल का आह्वान, निजी बस ऑपरेटर्स ने किया किनारा
commercial Vehicle Operator Strike हिमाचल प्रदेश में ट्रक टेंपो टैक्सी और निजी बस ऑपरेटर हड़ताल पर रहेंगे।
शिमला/धर्मशाला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में पेट्राेल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग समेत केंद्र सरकार की व्यावसायिक वाहनों के लिए आई नीतियों के खिलाफ कमर्शियल वाहनों के पहिये कल जाम रहेंगे। ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश इकाई ने यह फैसला किया है। लेकिन कांगड़ा जिला समेत अन्य जिला की निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन ने इस हड़ताल से किनारा कर लिया है। कांगड़ा जिला यूनियन के अध्यक्ष हैप्पी अवस्थी ने कहा जिला के ऑपरेटर्स हड़ताल नहीं करेंगे व लोगों को बस सेवा मिलती रहेगी। उधर, टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के प्रधान जीत राम शर्मा का कहना है कि हड़ताल का समर्थन किया जाएगा।
आठ जनवरी यानी बुधवार को पूरे प्रदेश में ट्रक, टेंपो और टैक्सी ऑपरेटर हड़ताल पर रहेंगे। निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल का मिला जुला असर रहेगा। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष लेखराज वर्मा ने कहा सभी व्यावसायिक वाहन खड़े रहेंगे और मोटर व्हीकल एक्ट में ट्रांसपोर्टर विरोधी संशोधनों का विरोध करेंगे। संघ ने मांग की है कि भारी जुर्माने और सजा का प्रावधान खत्म किया जाए। बढ़ी हुई थर्ड पार्टी बीमा राशि को वापस लिया जाए।
पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। गाड़ी की पासिंग पेनल्टी को खत्म किया जाए। कर्मचारियों के लिए ट्रांसपोर्ट कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए। हिमाचल में पंजीकृत वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूलना बंद किया जाए। कमर्शियल वाहनों से एंट्री टैक्स वसूलना बंद किया जाए। इन सब मांगों के समर्थन में कमर्शियल वाहन ऑपरेटर हड़ताल करेंगे। इस कारण आम लोगों की समस्या बढ़ सकती है।
एचआरटीसी चलाएगा अतिरिक्त बसें
एचआरटीसी अतिरिक्त बसें चलाने पर आज शाम फैसला ले सकता है। हिमाचल पथ परिवहन निगम के बेड़े में तीन हजार से ज्यादा बसें हैं, जो रोजाना 2500 के करीब रूट पर सेवाएं देती हैं। इनमें से एचआरटीसी प्रबंधन अतिरिक्त बसें चला सकता है।
पर्यटकों को हो सकती है परेशानी
नववर्ष पर हजारों सैलानी हिमाचल प्रदेश में घूमने पहुंचे हैं। हिमाचल के हजारों टैक्सी ऑपरेटर भी हड़ताल के समर्थन में गाडि़यां नहीं चलाएंगे। ऐसे में पर्यटकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश में नववर्ष के बाद हुई पहली बर्फबारी के बाद सैलानियाें की आमद काफी बढ़ गई है। पड़ोसी राज्यों के साथ विदेशी सैलानी भी हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख कर रहे हैं। हड़ताल का पर्यटन कारोबार पर भी खासा असर पड़ सकता है।