Move to Jagran APP

जयराम ठाकुर बोले, देशभर में हिमाचल एकमात्र राज्य जहां एफआरए की शर्तें होने से निर्माण कार्य लंबित पड़े

Himachal Vidhan Sabha हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा देशभर में हिमाचल प्रदेश एकमात्र राज्य है जहां पर एफआरए के कारण सड़कों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में 600 प्रोजेक्ट की स्टेज टू क्लीयरेंस प्राप्त की गई है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 11:38 AM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 11:38 AM (IST)
जयराम ठाकुर बोले, देशभर में हिमाचल एकमात्र राज्य जहां एफआरए की शर्तें होने से निर्माण कार्य लंबित पड़े
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Vidhan Sabha, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा देशभर में हिमाचल प्रदेश एकमात्र राज्य है, जहां पर एफआरए के कारण सड़कों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। प्रदेश सरकार के कठिन प्रयासों से सुप्रीम कोर्ट में 600 प्रोजेक्ट की स्टेज टू क्लीयरेंस प्राप्त की गई है। अब सुप्रीम कोर्ट में अन्य मामलों पर अंतिम स्वीकृति प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा हिमाचल प्रदेश में निर्माण कार्य करना संभव नहीं रह गया है, क्योंकि यहां पर हर तरह की भूमि पर फॉरेस्ट एक्ट लागू होता है। ऐसे में सरकार के लिए कोई भी काम शुरू करने से पहले फॉरेस्ट क्लीयरेंस प्राप्त करनी होती है।

loksabha election banner

इससे पूर्व कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने जनजातीय जिल किन्नौर में एफआरए की शर्त के कारण सड़कों का निर्माण लटका होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा डीपीआर बनाने में भी समस्या आ रही है। उनका कहना था कि प्रदेश के साथ ऐसा कानून लाकर भेदभाव किया जा रहा है। विधायक के इस सवाल पर मुख्‍यमंत्री ने जवाब देते हुए स्थिति स्‍पष्‍ट की। एफआरए के पेंच के कारण प्रदेशभर में कई प्रोजेक्‍ट व विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर आज विधानसभा में हिमाचल प्रदेश अधिकतम सीमा अधिनियम 1972 का संशोधन विधेयक पेश करेंगे। इस विधेयक के तहत चाय के बागान से जुड़ी जमीन बेचने पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा। इस प्रस्ताव के तहत विधानसभा में चर्चा होगी। पहले सोमवार को यह प्रस्‍ताव पेश करने की संभावना थी, लेकिन बाद इसे आज पेश किए जाने पर फैसला हुआ। इस मुद्दे पर सदन की सियासत गरमा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.