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पंजाब के बाद हिमाचल में भी लागू होगा नया वेतनमान, विधानसभा में जयराम ठाकुर ने की स्थिति स्‍पष्‍ट

6th Pay Commission Himachal छठे वेतन आयोग की सिफारिशें हिमाचल में भी लागू होंगी। पंजाब सरकार ने नए वेतनमान को पांच जुलाई को अधिसूचित कर दिया है। जैसे ही वहां की सरकार इसे लागू करेगी हिमाचल सरकार भी रिपोर्ट लागू कर देगी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 10:06 AM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 10:06 AM (IST)
पंजाब के बाद हिमाचल में भी लागू होगा नया वेतनमान, विधानसभा में जयराम ठाकुर ने की स्थिति स्‍पष्‍ट
छठे वेतन आयोग की सिफारिशें हिमाचल में भी लागू होंगी

शिमला, राज्य ब्यूरो। 6th Pay Commission Himachal, छठे वेतन आयोग की सिफारिशें हिमाचल में भी लागू होंगी। पंजाब सरकार ने नए वेतनमान को पांच जुलाई को अधिसूचित कर दिया है। जैसे ही वहां की सरकार इसे लागू करेगी, हिमाचल सरकार भी रिपोर्ट लागू कर देगी। इस पर कितना खर्च आएगा, इसका आकलन अभी अंतिम तौर पर नहीं हुआ है। यह जानकारी मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान, राजेंद्र राणा के सवाल के लिखित जवाब में दी। प्रश्नकाल में इस सवाल की बारी नहीं आई। कांग्रेस विधायकों ने सवाल पूछा था कि क्या पंजाब ने छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू कर दिया है, अगर हां तो हिमाचल में कब लागू होगा। इस पर कितना खर्चा आएगा।

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गौर हो कि प्रदेश के पौने तीन लाख कर्मचारी नए वेतनमान लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अभी सरकार पूरे मामले का अध्ययन कर रही है। इसके लिए कमेटी का भी गठन हो चुका है। समझा जाता है कि सरकार अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में इसका ऐलान कर सकती है। अभी जेसीसी की बैठक नहीं हुई है, लेकिन महासंघ को मान्यता दे दी है।

लंबित छात्रवृत्तियां अब एक माह में होंगी जारी

शिमला। हिमाचल प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों को छात्रवृतियां जारी की जा रही हैं। 2018-19 से 2020-21 तक 140117 पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां नहीं दी जा सकी हैं। जिनकी छात्रवृत्तियां रुकी हुई हैं और दस्तावेज पूरे हैं। उनकों एक माह में जारी कर दी जाएंगी। इनमें से 40,039 छात्रवृत्तियां विचाराधीन हैं। यह जानकारी शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने माकपा विधायक राकेश सिंघा द्वारा नियम 62 के तहत लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि 2018 से 2021 तक 48613 छात्र-छात्राओं को 30.13 करोड़ की राशि छात्रवृत्ति के तौर पर जारी की गई है। छात्रवृत्ति घोटाला 2013 से 2017 तक चलता रहा और वर्तमान सरकार के आने के बाद इस संबंध में नवंबर 2018 मामले दर्ज किए गए करीब 300 करोड़ के इस घोटाले में 27 संस्थान को संलिप्तता पाई गई, इसके बाद सीबीआइ को जांच सौंप दी गई। ये संस्थान छात्रों के मूल प्रमाणपत्र लेकर छात्रवृत्ति की राशि को हड़प रहे थे। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से आवेदन करने के साथ उसे जांचा जा सकता है जो एचपी-ई पास की तुलना में अधिक सुरक्षित है। छात्रवृत्तियों को लेकर किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए तीन तरह की कमेटियों का गठन किया गया है जो दस्तावेजों को जांच रहे हैं। इस संबंध में शपथ पत्र लिए जा रहे हैं।


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