जयराम बोले, सहकारी सभाओं को घाटे से उबारने का काम करें अधिकारी; रोजगार की संभावनाएं जताईं
घाटे में चल रही सहकारी सभाएं सरकार के लिए चिंता का विषय हैं। ऐसी सभी सहकारी सभाओं को उबारने के लिए प्रयास होने चाहिएं।
शिमला, जेएनएन। घाटे में चल रही सहकारी सभाएं सरकार के लिए चिंता का विषय हैं। ऐसी सभी सहकारी सभाओं को उबारने के लिए प्रयास होने चाहिएं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है सहकारिता आंदोलन को जन आंदोलन बनाना पड़ेगा। क्योंकि इस क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। सहकारिता आंदोलन का जमीनी स्तर पर विस्तार होना चाहिए, ताकि यह ग्रामीण लोगों तक पहुंच सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 4,843 सहकारी सभाएं कार्य कर रही हैं जिनमें 17.35 लाख सदस्य हैं। सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को एक ही छत के नीचे विभिन्न सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को नाबार्ड के सहयोग से बहुउद्देश्य सेवा केंद्र बनाने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह आज यहां सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। राज्य में 2,132 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां कार्य कर रही हैं जिनके सदस्यों की संख्या 12.56 लाख तथा कुल जमा राशि 5401.96 करोड़ रुपये है। इन समितियों में 1914 उचित मूल्य की दुकानें व 1374 खाद के डिपो शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन समितियों को सु²ढ़ करने के प्रयास किए जाने चाहिए ताकि राज्य के किसान लाभान्वित हो सकें।
समिति बनाने पर विचार
राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश सहकारी समिति एक्ट, 1968 को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए इस कानून में संशोधन करने के लिये कैबिनेट मंत्रियों की समिति बनाने पर विचार कर रही है।