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मुख्यमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर बढ़ाया स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला, जानिए चिकित्‍सा अधिकारियों के अनुभव

Coronavirus Vaccination प्रदेश के सबसे बड़े अस्‍पताल आइजीएमसी शिमला के परिसर में शनिवार सुबह से अधिकारी व कर्मचारी वैक्सीनेशन प्रक्रिया की अंतिम तैयारियों में जुटे हुए थे। एकाएक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का काफिला परिसर पहुंचा और अधिकारियों ने उनका स्वागत पुष्प भेंट करके किया।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 03:19 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 03:19 PM (IST)
मुख्यमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर बढ़ाया स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला, जानिए चिकित्‍सा अधिकारियों के अनुभव
प्रदेश के सबसे बड़े अस्‍पताल आइजीएमसी शिमला के परिसर में एकाएक मुख्यमंत्री ने पहुंचकर कर्मियों का हौसला बढ़ाया।

शिमला, जेएनएन। प्रदेश के सबसे बड़े अस्‍पताल आइजीएमसी शिमला के परिसर में शनिवार सुबह से अधिकारी व कर्मचारी वैक्सीनेशन प्रक्रिया की अंतिम तैयारियों में जुटे हुए थे। एकाएक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का काफिला परिसर पहुंचा और अधिकारियों ने उनका स्वागत पुष्प भेंट करके किया। मुख्यमंत्री वैक्सीनेशन साइट के अंदर पहुंचे और करीब आधे घंटे तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को सुनने के लिए बैठे। इस दौरान शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद मुख्यमंत्री ने रिब्बन काटकर वैक्सीनेशन का शुभारंभ किया।

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मुख्यमंत्री ने वैक्सीनेशन कक्ष में वैक्सीन लगा रहे अस्पताल के एमएस डॉक्टर जनक और सफाई कर्मचारी हरदीप का उत्साह बढ़ाया। अस्पताल एमएस ने पहले नंबर पर वैक्सीन लगाई। इसके बाद लगातार वैक्सीनेशन प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रही। वैक्सीन लगाने पहुंच रहे स्वास्थ्य कर्मियों में खासा उत्साह देखा गया। प्रवेश द्वार पर कर्मचारी अपना नाम पता बताकर आगे बढ़ रहे थे और वैरिफिकेशन काउंटर पर वैरिफिकेशन कर वैक्सीन लगवाते जा रहे थे। आइजीएमसी में दो साइटों पर वैक्सीन लगाई जा रही थी। वैक्सीन लगाने के बाद काउंसिलिंग काउंटर पर लाभार्थियों को एक महीने बाद लगने वाली बूस्टर डोज के बारे में जानकारी दे रहे थे।

वैक्सीन के प्रति जागरूक हों लोग

आइजीएमसी में सबसे पहले वैक्सीन लगाने वाले एमएस डाॅक्‍टर जनकराज का कहना है कि वैक्सीन लगाने का उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना है। उनका कहना है कि कुछ लोगों को वैक्सीन को लेकर संशय है, लेकिन सरकार की ओर से जारी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। इसलिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद वे पहले की तरह स्वस्थ महसूस कर रहे हैं।

वैक्सीन लगने के बाद उत्साहित

दूसरे नंबर पर वैक्सीन लगाने वाले सफाई कर्मी हरदीप ने बताया कि कोरोना से लड़ाई में उन्होंने बिना रूके अपनी सेवाएं दी। अब वैक्सीन आई है तो सरकार पर भरोसा करते हुए वैक्सीन लगाई है। उन्होंने कहा कि वे बिल्कुल स्वस्थ अनुभव कर रहे हैं। वैक्सीन लगाने के बाद वे उत्साहित हैं।

अफवाहों पर न दें ध्यान

तीसरे नंबर पर वैक्सीन लगाने वाले फॉरेंसिक विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर पीयूष कपिला का कहना है कि लगभग 11 महीने से वैक्सीन का इंतजार अब खत्म हुआ। उन्होंने कहा कि बिना हिचकिचाए स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगनी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें।

वैक्सीन के बाद भी बरतेंगे एहतिहात

नर्सिंग विभाग की नर्स पार्वती ने चौथे नंबर पर वैक्सीन लगाई। उन्होंने कहा कि कोरोना काल से लेकर अभी तक उन्होंने सभी प्रकार के एहतिहात बरते। काम के दौरान बहुत चुनौतियां आईं लेकिन बिना घबराए अपनी ड्यूटी निभाई। अब जब वैक्सीन लग गई है फिर भी एहतिहात बरतेंगे ताकि किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा न रहे।

अपनी सेफ्टी के लिए जरूर लगाएं वैक्सीन

प्रधानाचार्य डॉक्टर रजनीश पठानिया ने वैक्सीन लगवार इस अभियान में अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को आगे आने को कहा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान पर खेलकर मरीजों की जान बचाने में जुट रहे, इसलिए सेफ्टी के तौर पर कर्मियों को वैक्सीन जरूर लगानी चाहिए। वैक्सीन लगने के बाद साधारण जीवन व्यतीत कर सकते हैं लेकिन कुछ समय तक कोरोना के नियमों का यथावत पालन करना होगा।

खाली पड़े रहे बेड

वैक्सीनेशन के बाद लाभार्थियों को ऑब्जर्वेशन रूम में आराम करने की सलाह दी जा रही थी, लेकिन लाभार्थी वैक्सीन लगाकर इतने उत्साहित नजर आ रहे थे कि वहां लगी कुर्सियों में बैठकर आसपास में अनुभव शेयर करते रहे। इसलिए उनके लिए स्थापित किए गए सभी बैड खाली पड़े रहे।

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