Leopard in Shimla : शिमला में पेपर देकर घर आ रहे बच्चों को दिखा तेंदुआ, डर के मारे लौटे स्कूल
Leopard in Shimla शिमला जिले के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करयाली के नौवीं कक्षा के विद्यार्थी शनिवार को सांयकालीन सत्र में परीक्षा देकर घर लौट रहे थे तो उन्हें रास्ते में तेंदुआ दिखा तो वे घबरा गए और स्कूल लौट गए।
शिमला, जागरण संवाददाता। Leopard in Shimla, राजधानी शिमला में दीपावली की रात पांच वर्षीय बच्चे को उठाने वाले तेंदुए को वन विभाग ने पकड़ लिया है, लेकिन शिमला जिले में तेंदुए का खौफ अभी भी बरकरार है। शिमला जिले के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करयाली के नौवीं कक्षा के विद्यार्थी शनिवार को सांयकालीन सत्र में परीक्षा देकर घर लौट रहे थे तो उन्हें रास्ते में तेंदुआ दिखा तो वे घबरा गए और स्कूल लौट गए। नलाह और नवीं गांव के छात्रों को सात किलोमीटर पैदल ही स्कूल आना पड़ता है। शाम चार बजे उनका पेपर खत्म हुआ। उसके बाद घर पैदल जा रहे थे। बच्चों ने स्कूल आकर प्रधानाचार्य को तेंदुए के दिखने की सूचना दी। इस पर प्रधानाचार्य ने अभिभावकों को सूचित किया और बच्चों को घर पहुंचाने की व्यवस्था की।
सर्दी में शाम को अंधेरा जल्दी हो जाता है। परीक्षा का समय हर कक्षा का अलग-अलग है, ऐसे में बच्चे अकेले या फिर दो से तीन ही एक साथ घर जाते हैं। तेंदुए के दिखने के बाद अभिभावक अब बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतरा रहे हैं। अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि सुबह के सत्र में पेपर लिए जाएं।
प्रधानाचार्य भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि घटना के बाद काफी अभिभावकों के फोन आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई बच्चे छत से सात किलोमीटर दूर से स्कूल पैदल आते हैं। शिक्षा उपनिदेशक को इसकी रिपोर्ट भेजी गई है। यह वार्षिक परीक्षाएं हैं ऐसे में समय अपने स्तर पर नहीं बदला जा सकता।
तेंदुए के खौफ से अभिभावक डरे हुए हैं। सात किलोमीटर के दायरे में कोई स्कूल नहीं है, जो स्कूल है वह मिडल है। शिक्षा बोर्ड और शिक्षा विभाग परीक्षा का समय बदले। सुबह के सत्र में ही पेपर लिए जाएं।
-रमेश शर्मा, अध्यक्ष, स्कूल प्रबंधन कमेटी
प्रधानाचार्य ने घटना के बारे में बताया है। विभाग को इसकी सूचना भेज दी गई है। स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने स्तर पर इसकी कुछ व्यवस्था देखें ताकि बच्चों को परेशानी न झेलनी पड़े।
-अशोक शर्मा, शिक्षा उपनिदेशक शिमला