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आज वाराणसी जाएंगे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रधानमंत्री मोदी को चार साल की प्रगति रिपोर्ट देंगे

Jairam Thakur Varanasi Tour मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज सोमवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के लिए रवाना होंगे। यहां वह दिव्य काशी-भव्य काशीÓ कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इसके अलावा सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों व उपमुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में भी भाग लेंगे।

By Virender KumarEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 09:24 PM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 09:28 AM (IST)
आज वाराणसी जाएंगे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रधानमंत्री मोदी को चार साल की प्रगति रिपोर्ट देंगे
मुख्यमंत्री जयराम वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी को चार साल की प्रगति की रिपोर्ट देंगे। जागरण आर्काइव

धर्मशाला, राज्य ब्यूरो। Jairam Thakur Varanasi Tour, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज सोमवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के लिए रवाना होंगे। यहां वह 'दिव्य काशी-भव्य काशीÓ कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इसके अलावा सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों व उपमुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में भी भाग लेंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। उपचुनाव में मिली शिकस्त के बाद पहली बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से सामना होगा। माना जा रहा है कि इस दौरान प्रधानमंत्री उपचुनाव की हार के कारणों के अलावा 2022 के मिशन रिपीट को लेकर चर्चा कर सकते हैं।

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सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले सीएम ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर केंद्र सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रमों को लेकर चर्चा की। इस दौरान अधिकारियों ने सीएम को बीते चार साल में इन कार्यक्रमों के तहत हुई प्रगति से अवगत कराया। सम्मेलन में सीएम जयराम ठाकुर दस मिनट की प्रस्तुति के जरिये इस जानकारी से सभी को अवगत कराएंगे। साथ ही इसमें प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धियों से भी सम्मेलन को अवगत कराएंगे। माना जा रहा है कि यह प्रस्तुति सरकार के चार साल का रिपोर्ट कार्ड होगा। वाराणसी प्रवास के चलते सीएम अगले तीन दिन शीत सत्र की शेष तीन बैठकों में शामिल नहीं हो सकेंगे। उनकी अनुपस्थिति में वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ही विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए मंत्रिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

तीन दिन कांग्रेस हमलावर रहेगी

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आगामी तीन दिन खासा अहम माने जा रहे हैं। इन तीन दिनों में न सिर्फ सरकार को विपक्ष से सदन के भीतर चुनौती मिलेगी बल्कि उन्हें हर दिन बाहर हो रहे आंदोलनों की चुनौती से भी निपटना होगा। सवर्ण आयोग के गठन को लेकर भी शुक्रवार को विधानसभा के बाहर काफी हंगामा हुआ था। शीत सत्र के पहले दो दिनों में वैसे भी सरकार को खासी किरकिरी झेलनी पड़ी है।


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