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वन रक्षक होशियार मौत मामले में सीबीआइ कोर्ट में तय होंगे आरोप

वन रक्षक होशियार सिंह की मौत मामले में जल्द ही मुख्य आरोपित तत्कालीन डिप्टी रेंजर तेज राम के खिलाफ सीबीआइ कोर्ट में आरोप तय होंगे। इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई शिमला की सीबीआइ कोर्ट में आठ अक्टूबर को होगी।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 11:55 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 11:55 PM (IST)
वन रक्षक होशियार मौत मामले में सीबीआइ कोर्ट में तय होंगे आरोप
वनरक्षक होशियार सिंह का फाइल फोटो। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। वन रक्षक होशियार सिंह की मौत मामले में जल्द ही मुख्य आरोपित तत्कालीन डिप्टी रेंजर तेज राम के खिलाफ सीबीआइ कोर्ट में आरोप तय होंगे। इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई शिमला की सीबीआइ कोर्ट में आठ अक्टूबर को होगी। उसी दिन आरोप तय हो सकते हैं या फिर अगली तारीख भी मिल सकती है। सीबीआइ ने मुख्य चार्जशीट 2019 में कोर्ट में दाखिल की दी थी।

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सूत्रों के अनुसार इनमें तेज राम को ही आरोपित बनाया गया था, जबकि कुछ अन्य को खाना नंबर दो की सूची में डाला गया था। इसका मतलब यह कि जब भी अन्य के खिलाफ सुबूत सामने आएंगे तो अलग से चालान यानी चार्जशीट दाखिल होगी। यह सप्लीमेंट्री चार्जशीट कहलाती है। देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी की जांच में यह हत्या का मामला साबित नहीं हो पाया था। गौरतलब रहे कि इस घटना ने हिमाचल को हिला कर रख दिया था। इसी से जुड़े अवैध वन कटान के दो मामलों की सीबीआइ जांच भी 2019 में पूरी हो गई थी। इनमें तीन आरोपितों की गिरफ्तारियां हुई थी। ये बाद में कोर्ट से जमानत पर बाहर आए। अभी जेल से बाहर हैं। पीडि़त परिवार को इस पूरे प्रकरण में न्याय की दरकार लगी हुई है। इस परिवार को फिलहाल न्याय मिलता दिखाई नहीं दे रहा है।

किस धारा के तहत दाखिल की चार्जशीट

सीबीआइ ने पहली चार्जशीट भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए विवश करना) के तहत दाखिल की थी। चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन डिप्टी रेंजर तेज राम ने होशियार ङ्क्षसह को तंग किया और आत्महत्या करने के लिए उकसाया। इसी के तहत कोर्ट में केस चल रहा है। अगर आरोप सही साबित हुए तो आरोपित को दस साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।

क्या है मामला

मामला सेरी कतांडा बीट से जुड़ा हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ की शिमला शाखा ने 26 अक्टूबर, 2017 को तीन अलग-अलग केस दर्ज किए थे। इनमें दो केस वन कटान और एक हत्या का था। ऐसा पुलिस की तीन अलग-अलग एफआइआर के आधार पर किया गया था। होशियार ङ्क्षसह जून, 2017 में लापता हो गया था। नौ जून को उसका शव पेड़ से लटका बरामद हुआ था। तीन सुसाइड नोट मिले थे जिनमें से एक में लिखा था कि वह दुनिया छोड़कर तो जाना नहीं चाहता पर क्या करें संसार सच्चे आदमी को जीने नहीं देता है। इस दुनिया में ईमानदार होना सबसे बड़ा गुनाह है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस केस को पहले सीआइडी के हवाले किया था। तब सरकार ने सीबीआइ जांच करवाने से इंकार किया। बाद में हाईकोर्ट ने सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। इसी मामले में वन विभाग की एसआइटी ने भी जांच की थी। इसमें पाया गया था। इसमें पाया गया था कि सैरी-कतांडा में बड़े पैमाने पर वन कटान हुआ था।


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